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Kathua Terror Attack: दो माह के अंतराल में इस परिवार के दो जांबाज बेटे देश पर बलिदान, पूरे गांव में मातम; हर आंख नम

Kathua Terror Attack कठुआ में आतंकी हमले में बलिदान होने वालों में टिहरी जिले के थाती डागर गांव निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी (26) भी हैं। इसी साल उनके भाई भी देश पर बलिदान हुए थे। इनमें एक बेटा सोमवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकी हमले में बलिदान हुआ जबकि दूसरा बेटा अप्रैल में लेह में बीमारी से लड़ते हुए देश पर न्योछावर हो गया था।

By Anurag uniyal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 10 Jul 2024 08:54 AM (IST)
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Kathua Terror Attack: टिहरी के दलबीर सिंह ने कठुआ में हुए आतंकी हमले में बेटे आदर्श को खोया

जागरण संवाददाता, नई टिहरी। Kathua Terror Attack: दो महीने के अंतराल में थाती डागर गांव के एक परिवार के दो बेटे देश पर बलिदान हो गए। इनमें एक बेटा सोमवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकी हमले में बलिदान हुआ, जबकि दूसरा बेटा अप्रैल में लेह में बीमारी से लड़ते हुए देश पर न्योछावर हो गया था। इतने कम अंतराल में दो बेटे खोने से परिवार के ऊपर मानो पहाड़ टूट पड़ा है। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। दिनभर लोग आदर्श के घर स्वजन को सांत्वना देने पहुंचते रहे।

कठुआ में आतंकी हमले में बलिदान होने वालों में टिहरी जिले के थाती डागर गांव निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी (26) भी हैं। इसी वर्ष 30 अप्रैल को उनके चचेरे भाई मेजर प्रणय नेगी (33) भी लेह में देश सेवा करते हुए बलिदान हो गए थे। परिवार इस दुख से उबरने के लिए संघर्ष कर ही रहा था कि सोमवार को आतंकी हमले ने एक और बेटा छीन लिया।

तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे आदर्श

आदर्श वर्ष 2018 में सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता दलबीर सिंह नेगी गांव में ही खेती-बाड़ी करते हैं। आदर्श तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनकी बहन की शादी हो चुकी है, जबकि बड़ा भाई चेन्नई में नौकरी करता है। गांव में माता-पिता ही रहते हैं। मंगलवार को विधायक विनोद कंडारी उनके आवास पर पहुंचे और शोक संतप्त माता-पिता सांत्वना दी।

विधायक ने कहा कि आदर्श नेगी ने देश की रक्षा के लिए बलिदान दिया है, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा। विधायक ने बलिदानी के पिता दलबीर सिंह की फोन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी बात कराई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भी उन्हें सांत्वना दी। विधायक ने कहा कि थाती डागर के आयुर्वेदिक अस्पताल का नाम बलिदानी आदर्श नेगी के नाम पर रखा जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि आदर्श बेहद मिलनसार थे और हर वक्त लोगों की मदद के लिए तैयार रहते थे।

फरवरी में घर आए थे आदर्श, शादी की चल रही थी बात

बलिदानी राइफलमैन आदर्श इसी वर्ष फरवरी में पारिवारिक शादी समारोह में घर आए थे और मार्च में यूनिट वापस लौटे थे। उनकी 12वीं तक की पढ़ाई राजकीय इंटर कालेज पिपलीधार, टिहरी से हुई। इसके बाद उन्होंने गढ़वाल विवि में बीएससी में प्रवेश लिया और इसी दौरान वह गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि आदर्श के स्वजन इन दिनों उनकी शादी के लिए कहीं बातचीत कर रहे थे।

आतंकी घटनाओं पर रोक लगाने को उठाए जाएं कठोर कदम

चाचा बलवंत नेगी ने बताया कि आदर्श बचपन से ही होनहार थे। उन्होंने मांग की है कि सरकार की तरफ से आतंकी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। ऐसी घटनाएं परिवार को अंदर तक झकझोर कर रख देती हैं।

बीते रविवार को बेटे से फोन पर बात हुई थी। तब उसने कहा था कि अभी खाना खा रहा हूं, इसके बाद ड्यूटी पर जाना है। फिर उससे कोई बात नहीं हुई।

-दलबीर सिंह नेगी, बलिदानी के पिता