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Cloudburst in Tehri: बालगंगा ने लिया विकराल रूप, बूढ़ाकेदार में भूस्खलन से मां-बेटी जिंदा दफन; वीडियो

Cloudburst in Tehri भिलगंना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में बादल फटने से बाल गंगा नदी में भारी बाढ़ आ गई। आपदा प्रभावित क्षेत्र बूढ़ाकेदार के तोली गांव में शुक्रवार रात भूस्खलन होने से मां बेटी जिंदा दफन हो गए हैं। पति वीरेंद्र लाल ने किसी तरह भागकर जान बचाई। प्रशासन की टीम पहुंच चुकी है और राहत-बचाव कार्य जारी है।

By Anurag uniyal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 27 Jul 2024 08:58 AM (IST)
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Cloudburst in Tehri: बादल फटने से बाल गंगा नदी में भारी बाढ़

जागरण संवाददाता, नई टिहरी। Cloudburst in Tehri: भिलगंना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में शुक्रवार को बादल फटने से बाल गंगा नदी में भारी बाढ़ आ गई। जिससे ग्राम गेंवाली,तोली, जखाणा, विसन, तिनगढ, और बूढ़ाकेदार तक ग्रामीणों की सैकड़ों नाली कृषि भूमि बह गई।

आपदा प्रभावित क्षेत्र बूढ़ाकेदार के तोली गांव में शुक्रवार रात भूस्खलन होने से मां बेटी जिंदा दफन हो गए हैं। पूरे घाटी में लोग डरे सहमे हुए हैं। मृतक महिला का नाम सरिता देवी (37) पत्नी वीरेंद्र लाल,अंकिता (15) पुत्री वीरेंद्र लाल। पति वीरेंद्र लाल ने किसी तरह भागकर जान बचाई।

एसडीआरएफ की टीम ने मलबे से महिला सरिता देवी और बच्‍ची अंकिता का शव बरामद कर लिया है। वहीं बूढ़ाकेदार- तोली मोटर मार्ग बहने के कारण अब गांव जाने के लिए विनयखाल से होकर जाना पड़ रहा है।

बादल फटने से बाल गंगा नदी में भारी बाढ़ आ गई

इससे पहले शुक्रवार को बूढ़ाकेदार में एक मकान भी बाढ़ से बह गया। घर में रहने वाले ग्रामीणों ने किसी तरह रात को भागकर जान बचाई। विनयखाल- जखाना मोटर मार्ग का बड़ा हिस्सा भी बाल गंगा के उफान में बह गया। क्षेत्र के कई गांवों की बिजली आपूर्ति और पेयजल आपूर्ति भी ठप हो गई।

प्रशासन बाढ़ से हुये नुकसान का आंकलन कर रहा है। बाल गंगा तहसील की पट्टी थाती में बीती रात लगभग एक बजे भारी बारिश से जमकर तबाही हुई। गैंवाली गांव के मांदणा तोक के पास बादल फटने से बाल गंगा नदी में उफान आ गया। रात नदी में उफान की आवाज सुनकर गांव वाले जागकर घरों से बाहर आ गये। गैंवाली गांव में भी कई ग्रामीणों के घरों में पानी घुस गया। पूरे गांव में अफरा तफरी मच गई।

फोन कर ग्रामीणों को सतर्क किया

ग्रामीणों ने एक दूसरे को फोन कर आसपास नदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों को सतर्क किया। क्षेत्र के जखाना,तोली, तिनगढ़, विसन,आदि गांवों में सैंकड़ों नाली भूमि बाढ़ में बह गई। बूढ़ाकेदार में बाल गंगा नदी के किनारे बना ग्रामीण मनमोहन रावत का चार कमरों का आवासीय मकान भी बाढ़ में बह गया।

ग्रामीण मनमोहन सिंह ने बताया कि रात में नदी में पानी बढ़ता देख वह अपनी मां फुलदेई के साथ बाहर आ गये और सुरक्षित स्थान की तरफ चले गये। इस दौरान बाढ़ का पानी घर के अंदर घुस गया और थोड़ी देर में मकान बाढ़ में बह गया। बाजार में भी ग्रामीण बाढ़ के कारण जाग गये।

बाल गंगा नदी में बाढ़ के कारण कई सिंचाई नहरें, रास्ते और सड़क भी ध्वस्त हो गई है। बूढ़ाकेदार में बालगंगा नदी किनारे खतरे की जद में आये एक मकान में 14 नेपाली श्रमिकों से भी मकान खाली कराया गया है। डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है। कृषि भूमि और सड़क बह गई है।

बूढ़ाकेदार में एक मकान भी ध्वस्त हो गया है। नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। क्षेत्र में प्रशासन की टीम तैनात है। 

उफनती बालगंगा देख ग्रामीणों ने फोन पर किया सतर्क

ढ़ाकेदार क्षेत्र में बीती शाम से हो रही बारिश देर रात तक आफत के रूप में बरसने लगी। आधी रात को नदी का विकराल रूप देख जखाणा, गेंवाली गांवों के ग्रामीणों ने नदी तट पर बसे अन्य गांवों के ग्रामीणों को फोन पर सतर्क कर घरो से बाहर निकलने को कहा।

जखाणा गांव के गजेन्द्र सिंह बंगुडा ने अपनी आप बीती सुनाते हुये बताया कि मध्य रात्रि में गांव के बगल से नदी में तेज गड़गड़ाहट हुई तो उन्होंने बाहर निकलकर देखा। नदी का पानी तेजी से बढ़ रहा था। बोल्डर आदि भी बहकर आ रहे थे। जिसे देख हम सभी घबरा गये।

गजेंद्र सिंह ने प्रधान नरेंद्र सिंह को फोन पर नदी में पानी बढ़ने की सूचना दी और कहा कि कहीं बादल फट गया है जिससे नदी का पानी बढ़ गया है। फिर सभी ने पूरे गांव को जगाकर सतर्क किया।

गजेंद्र सिंह ने तोली गांव के रमेश को भी फोन पर सूचना देकर बूढ़ाकेदार में ग्रामीणों को सतर्क करने के लिये कहा। इसके बाद इस क्षेत्र के सभी लोग एक दूसरे को फोन पर सतर्क रहने के बारे में बताते रहे।