Chardham Yatra: बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित, 30 अप्रैल को ब्रह्म मुहूर्त में खुलेंगे कपाट
बदरी-विशाल के कपाट 30 अप्रैल को ब्रह्म मुहूर्त में चार बजकर 30 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
By Edited By: Updated: Wed, 29 Jan 2020 08:24 PM (IST)
टिहरी, जेएनएन। बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को ब्रह्म मुहूर्त में चार बजकर 30 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। बसंत पंचमी पर नरेंद्रनगर राजमहल में राजपुरोहितों ने महाराजा मनुज्येंद्र शाह की जन्म कुंडली देखकर भगवान बदरी विशाल के कपाट खोलने का मुहूर्त निकाला। उधर, रुद्रप्रयाग में केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि आगामी 21 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर तय की जाएगी। इसके लिए मंदिर समिति ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं, भगवान तुंगनाथ और मध्यमहेश्वर की तिथि बैशाखी पर्व पर तय की जाएगी।
बुधवार को नरेंद्रनगर राजमहल में विधि-विधान के साथ आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल और संपूर्णानंद जोशी ने महाराजा मनुज्येंद्र शाह का वर्षफल और ग्रह नक्षत्रों की दशा देखकर भगवान श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की तिथि घोषित की। राज पुरोहित संपूर्णानंद जोशी ने बताया कि 18 अप्रैल को राजमहल में सुहागिन महिलाएं भगवान बदरी विशाल के महाभिषेक के लिए तिलों का तेल पिराएंगी। इसके बाद गाडू घड़ा (पवित्र तेलकलश) यात्रा बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी।
ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, डिम्मर गांव और पांडुकेश्वर आदि स्थानों पर प्रवास करने के बाद 29 अप्रैल को यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंचेगी और 30 अप्रैल को भगवान बदरी विशाल के कपाट खोल दिए जाएंगे। इस अवसर पर बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, सीईओ बीडी सिंह, धर्माधिकारी भुवन उनियाल, नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार आदि मौजूद रहे।
बदरीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही रुद्रप्रयाग में केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रत्येक वर्ष पौराणिक परंपराओं के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व पर केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय की जाती है। बदरी-केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष पौराणिक परंपरा के अनुसार कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि पर्व पर तय होगी।
यह भी पढ़ें: Basant Panchami 2020: उत्तराखंड में श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा बसंत पंचमी का पर्व, जानिए क्या है मान्यताडिम्मर समाज ने जताया विरोधराजमहल में बदरी विशाल के कपाट खुलने की तिथि के लिए आयोजित कार्यक्रम में डिम्मर समाज से जुड़े लोगों ने काला फीता हाथ में बांधकर ही महल में प्रवेश किया और कार्यक्रम में मौजूद रहे। डिम्मर समाज के तीर्थ पुरोहित विनोद डिमरी ने कहा कि राज्य सरकार ने देवस्थानम बोर्ड बनाकर पुरानी संस्कृति को खत्म करने का काम किया है। सरकार के इस फैसले का हम विरोध करते हैं और इसलिए काला फीता बांधकर आए हैं। हम अपनी संस्कृति को खत्म होने नहीं दे सकते हैं। सरकार ने हमें रोकने के लिए ऋषिकेश से लेकर नरेंद्रनगर तक भारी पुलिस बल तैनात किया था।
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