दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज की तरह जगमगाएगा डोबरा-चांठी पुल, पढ़िए पूरी खबर
टिहरी झील पर बन रहा देश का सबसे लंबा डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज भी दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज की तर्ज पर जगमगाएगा।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 04 Feb 2020 08:24 PM (IST)
नई टिहरी, अनुराग उनियाल। टिहरी झील पर बन रहा देश का सबसे लंबा डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज भी दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज की तर्ज पर जगमगाएगा। पुल को पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए इस पर पांच करोड़ की लागत से अत्याधुनिक फसाड लाइटिंग सिस्टम लगाया जा रहा है।
डोबरा-चांठी प्रदेश का पहला पुल है, जिस पर फसाड लाइट लगाई जा रही है। लोनिवि की इलेक्ट्रिकल विंग ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है। मार्च से पहले लाइटिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा। विंग के सहायक अभियंता गिरीश पैन्यूली ने बताया कि लाइटिंग सिस्टम में 20 तरह की थीम अपलोड की जाएंगी, जिससे होली, दीवाली, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस आदि महत्वपूर्ण मौकों पर पुल उसी तरह की रोशनी में जगमग रहेगा। इधर-उधर नहीं बिखरती फसाड लाइट की रोशनी
डोबरा-चांठी पुल के प्रोजेक्ट एसएस मखलोगा ने बताया कि फसाड लाइट विशेष प्रकार लाइट होती है। वह जिस स्थान पर लगती है, उसी पर फोकस रहती है। यानी यह रोशनी इधर-उधर नहीं बिखरती। दिल्ली में संसद भवन और सिग्नेचर ब्रिज और कोलकाता में हावड़ा ब्रिज पर यह लाइट लगी हैं। उत्तराखंड में पहली बार किसी पुल पर यह लाइट लगाई जा रही हैं।
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पुल पर लगाए जा रहे बूम बैरियर डोबरा-चांठी पुल के दोनों ओर एंट्री में बूम बैरियर लगाए जाएंगे। लोनिवि की सहायक अभियंता निशा लिंगवाल ने बताया कि इससे पहले पुल पर लगे वेब ब्रिज (वाहन का वजन नापने की मशीन) पर वाहन का वजन चेक किया जाएगा। अगर वाहन का वजन 16 टन से ज्यादा हुआ तो बूम बैरियर खुद-ब-खुद नीचे आ जाएगा और वाहन पुल पर नहीं जा सकेगा। पुल की भार क्षमता 16 टन की है। छोटे वाहन पुल से एक साथ आ-जा सकते हैं, लेकिन बड़ी बस और भारी ट्रक अलग-अलग ही पुल को क्रॉस कर सकेंगे। यानी एक के पुल क्रॉस करने तक दूसरे को किनारे पर रुकना पड़ेगा। पुल पर दोनों तरफ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।
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