राइंका अखोड़ी: बिना शिक्षकों का आदर्श
दीपक श्रीयाल घनसाली सरकार शिक्षा सुधार के भले ही लाख दावे करेंलेकिन कई साल बीतने के
By JagranEdited By: Updated: Thu, 09 Jun 2022 03:00 AM (IST)
दीपक श्रीयाल, घनसाली
सरकार शिक्षा सुधार के भले ही लाख दावे करें,लेकिन कई साल बीतने के बाद भी शिक्षा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं आया है। इसका उदाहरण है राइंका अखोड़ी है, यह विद्यालय है तो आदर्श विद्यालय, लेकिन लंबे समय से यह शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है जब आदर्श विद्यालय का यह हाल है तो अन्य विद्यालयों की स्थिति क्या होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इस विद्यालय में अच्छी खासी छात्र संख्या है, लेकिन शिक्षक नहीं है ऐसे में ऐसे में कैसे आदर्श विद्यालय की कल्पना साकार होगी यह बड़ा प्रश्न है। भिलंगना ब्लाक के आदर्श इंटर कालेज में वर्तमान में छात्र संख्या 400 से अधिक है। ब्लाक के राइंका घुमेटीधार व राइंका अखोड़ी को वर्षो पूर्व आदर्श विद्यालय का दर्जा दिया गया था तब अभिभावकों में उम्मीद जगी थी कि शिक्षकों की कमी से जूझ रहे विद्यालय में अब शिक्षकों की तैनाती होगी और शिक्षण कार्य में भी गुणात्मक सुधार आएगा, लेकिन वर्तमान में स्थिति यह है कि अच्छी छात्र संख्या वाले इस विद्यालय में राजनीति विज्ञान, गणित, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, भूगोल विषय में प्रवक्ताओं के पद रिक्त पड़े हैं। शिक्षकों की मांग को लेकर पूर्व में अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से लेकर विधायक, मंत्री तक गुहार लगाई। यही नहीं इसको लेकर अभिभावकों ने विद्यालय परिसर में धरना भी दिया। आदर्श विद्यालय में अध्ययनरत छात्र अपने भविष्य को लेकर चितित हैं। अभिभावक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विक्रम घणाता ने बताया कि वर्तमान में प्रवक्ताओं के आधा दर्जन पद रिक्त हैं ऐसे में यह सिर्फ नाम का आदर्श विद्यालय बनकर रह गया है। - शासन स्तर से जल्द ही प्रवक्ताओं के पद सृजित किए जा रहे हैं इसके बाद प्राथमिकता से इस विद्यालयों में प्रवक्ताओं की नियुक्ति की जाएगी। ललित मोहन चमोला, मुख्य शिक्षाधिकारी
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