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भक्‍तों की इच्छाओं को पूरा करते हैं भगवान ओणश्वर महादेव, यहां है उनका धाम

ओणश्वर महादेव मंदिर टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र में पड़ता है। मान्‍यता है कि भगवान ओणश्‍वर महादेव भक्‍तों की हर इच्‍छाओं को पूरा करते हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 27 Jul 2019 02:57 PM (IST)
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भक्‍तों की इच्छाओं को पूरा करते हैं भगवान ओणश्वर महादेव, यहां है उनका धाम
टिहरी, जेएनएन। ओणश्वर महादेव मंदिर टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र में पड़ता है। यह क्षेत्र का प्रसिद्ध शिवालयों में है। पहले यह मंदिर काफी प्राचीन था, लेकिन अब इस मंदिर को काफी भव्य बनाया गया है। शिवरात्रि पर यहां दूर-दराज क्षेत्रों से भी श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। शिवरात्रि पर्व के शुरुआत में यहां पर दो दिन का मेला भी आयोजित होता है। मेले में यहां पर काफी भीड़ उमड़ती है। यह मंदिर सड़क मार्ग से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

इतिहास 

ओणेश्वर मंदिर प्रतापनगर क्षेत्र का प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर के गर्भगृह में विशाल शिवलिंग स्थापित है, जो हमेशा चावलों से लिपटा रहता है। मान्‍यता है कि निसंतान दंपती शिवरात्रि के अवसर पर रात्रि में जागरण कर हाथ मे जलते दिये को लेकर संतान प्राप्ति की कामना करते हैं। शिवलिंग पर बेलपत्री व गंगाजल से श्रद्धालुओं की ओर से पूजन किया जाता है। यहां पर आज भी आम जनमानस अपने हाथों से जल या पूजा का सामान नहीं चढ़ा सकता है।

ग्राम पंचायत देवल के रावल ही पीढ़ियों से ओणेश्वर महादेव की सेवा करते आ रहें है। गर्भ गृह में श्रद्धालु द्वारा शिवलिंग पर गंगा जल गाय का दूध बेल पत्र पूजा का सामान लाया जाता है। रावल द्वारा ही उसे शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है। वैसे तो मंदिर में हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है। शिवरात्रि के यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। शिवरात्रि में यहां पर कई बार रात्रि जागरण भी होता है। यह शिवालय काफी पुराना है।

कैसे पहुंचे 

ओणेश्वर मंदिर जिला मुख्यालय लगभग 80 किमी दूर पट्टी ओण के देवल गांव में स्थित है। जिला मुख्यालय से चंबा भल्डियान लंबगांव होते हुए मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। लंबगांव-कोटलगांव-चमियाला होते हुए भी यहां पहुंचा जाता है। छोटे वाहनों से भी सीधे मंदिर तक पहुंचा जाता है।

मुख्य पुजारी शंकरदत्त सेमवाल का कहना है कि ओणेश्वर महादेव में कई नि:संतान दंपती मे शिवरात्रि के अवसर पर यहां रातभर मनोकामना के लिए पूजा-अर्चना करते पहुंचते हैं। यह पौराणिक परंपरा है। मंदिर के कपाट वर्षभर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुले रहते हैं। शिवरात्रि में यहां दूर-दराज क्षेत्रों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं।

मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद भट्ट का कहना है कि ओणेश्वर मंदिर के प्रति क्षेत्र के लोगों की अटूट श्रद्धा है। यहां पर क्षेत्र के लोगों के अलावा बाहर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर सड़क से समीप है, जिससे यहां पर आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर को अब भव्य रूप दिया गया है।

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