झील प्रभावितों की मुराद पूरी, मुआवजे के लिए टीएचडीसी ने मांगी सूची
टिहरी झील प्रभावित 415 परिवारों के विस्थापन और मुआवजे के लिए टीएचडीसी प्रबंधन को 252 करोड़ रुपये का बजट बोर्ड में पास हो गया है। टीएचडीसी भागीरथीपुरम प्रबंधन के पास धनराशि भी आ गई है। टीएचडीसी ने अब जिला प्रशासन से झील प्रभावित विस्थापितों की सूची मांगी है जिसके बाद टीएचडीसी सूची के हिसाब से पुनर्वास को बजट जारी करेगा।
By JagranEdited By: Updated: Thu, 23 Sep 2021 06:10 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: टिहरी झील प्रभावित 415 परिवारों के विस्थापन और मुआवजे के लिए टीएचडीसी प्रबंधन को 252 करोड़ रुपये का बजट बोर्ड में पास हो गया है। टीएचडीसी भागीरथीपुरम प्रबंधन के पास धनराशि भी आ गई है। टीएचडीसी ने अब जिला प्रशासन से झील प्रभावित विस्थापितों की सूची मांगी है, जिसके बाद टीएचडीसी सूची के हिसाब से पुनर्वास को बजट जारी करेगा।
टिहरी झील प्रभावित 415 परिवारों के विस्थापन का मामला वर्ष 2012 से चल रहा है। टिहरी झील बनने के बाद 835 मीटर से नीचे के ग्रामीणों का टीएचडीसी ने भुगतान कर दिया था। लेकिन, झील का जलस्तर बढ़ने के बाद 835 मीटर से ऊपर रहने वाले लगभग 29 गांवों के ग्रामीणों ने अपने मकानों और जमीनों में भूधसाव की समस्या को प्रशासन के सामने रखा। इसके बाद प्रशासन ने अलग-अलग विभागों और विशेषज्ञों की संयुक्त विशेषज्ञ समिति का गठन किया, जिसके बाद समिति ने 415 परिवारों को चिह्नित किया। इस पर टीएचडीसी ने इन परिवारों में लगभग 50 परिवारों को नुकसान की धनराशि का 70 प्रतिशत दिया। तीस प्रतिशत भुगतान इन परिवारों को अभी होना है। जमीन और पूर्ण विस्थापन की मांग कर रहे ग्रामीणों को पिछले महीने प्रति परिवार 74 लाख रुपये धनराशि देने पर सहमति बनी। इसके बाद अब टीएचडीसी बोर्ड में 252 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव पास हो गया है। इसके बाद टीएचडीसी प्रबंधन ने प्रशासन से पात्र विस्थापितों की सूची मांगी है। प्रशासन से सूची मिलते ही टीएचडीसी प्रबंधन पुनर्वास निदेशालय के खाते में बजट जारी कर देगा। ----------- हमारे पास धनराशि आ गई है। इसके बाद हमने जिला प्रशासन से पात्र विस्थापितों की सूची मांगी है। उसके आधार पर हम मुआवजे की धनराशि पुनर्वास निदेशालय के खाते में डाल देंगे।
यूके सक्सेना, अधिशासी निदेशक , टीएचडीसी कांप्लेक्स भागीरथीपुरम -----------
हमारी सबसे प्रमुख मांग अब पूरी होने जा रही है। टीएचडीसी अब किस आधार पर मुआवजा देता है उसे देखा जाएगा। ग्रामीणों के संघर्ष की जीत हुई है। सोहन सिंह राणा, अध्यक्ष, आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति
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