इस मानसून उत्तराखंड में आई बाढ़ से नदियों का बदला रुख, अब डरा रही प्यास बुझाने वाली नदी
Rivers Direction Change उत्तराखंड में नदियों का रुख बदलने से भारी तबाही हुई है। बालगंगा और धर्मगंगा नदी के उफान पर आने से कई गांवों में बाढ़ आ गई है। नदियों ने अपना रुख बदल दिया है जिससे लोगों में भविष्य का डर पैदा हो गया है। इस बार की आपदा से दोनों नदियों के उफान पर होने से क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ था।
संवाद सहयोगी, जागरण, नई टिहरी। Rivers Direction Change: खेतों की सिंचाई व प्यास बुझाने वाली नदी अब ग्रामीणों को डरा रही हैं। भिलंगना प्रखंड की बालगंगा व धर्मगंगा नदी पूरे ब्लाक के गांवों की खेती की सिंचाई करती है।
भिलंगना में ही सबसे ज्यादा सिंचित भूमि है, लेकिन अब नदियां नुकसान भी कर रही हैं। इस बार की आपदा से दोनों नदियों के उफान पर होने से क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ था। नदियों के बदले रुख से लोगों में भविष्य का डर पैदा हो गया है।
बूढ़ाकेदार में बालगंगा और धर्मगंगा नदियों का संगम है जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इन नदियों पर करीब चार लघु परियोजनाएं बनी हैं। साथ ही पूरे क्षेत्र की सिंचाई भी होती है, लेकिन अब नदियां क्षेत्रवासियों को न केवल डरा रही हैं बल्कि नुकसान भी पहुंचा रही है।
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60 साल बाद आई थी भयानक बाढ़
बालगंगा नदी में करीब 60 साल बाद 26 जुलाई को भयानक बाढ़ आई थी, जिसमें करीब छह से ज्यादा भवन खतरे की जद में आ गए थे और 12 के करीब दुकानदार इससे प्रभावित हुए थे। बाढ़ के कारण बूढ़ाकेदार, गोफल, भौंदी, रगस्या आदि गांवों के ग्रामीणों की खेती को भी भारी नुकसान पहुंचा था।यही नहीं बाढ़ से नदियों ने अपना रुख भी बदल दिया है। मंगलवार को हुई वर्षा से कोट गांव के पास बादल फटने के बाद धर्मगंगा नदी उफान पर आ गई। धर्म गंगा नदी में तीन-चार बार बाढ़ आई है। 13 साल पहले नदी में भीषण बाढ़ आई थी फिर चार साल पहले नदी में बाढ़ आई, जिससे भारी नुकसान हुआ। मंगलवार को फिर नदी का जलस्तर बढ़ने से लोग दहशत में हैं।
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