दस साल में 18 मौतें और 124 घायल... पहाड़ों पर इंसान के लिये बड़ा खतरा बन गया है गुलदार
उत्तराखंड के टिहरी जिले में पिछले दस सालों में गुलदार के हमले में 18 लोगों की मौत हो चुकी है और 124 लोग घायल हुए हैं। पिछले तीन महीने में ही गुलदार घनसाली क्षेत्र में दो मासूम बच्चों का शिकार बना चुका है। वन विभाग अब गुलदार के हमले से बचने के लिए नई रणनीति बना रहा है वहीं स्थानीयों में दहशत देखी जा रही है।
जागरण संवाददाता,नई टिहरी। पहाड़ों में अब गुलदार एक बड़ा खतरा बन रहा है। टिहरी जिले में पिछले दस सालों में गुलदार के हमले में 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 124 लोग घायल हुये हैं। पिछले तीन महीने में ही गुलदार घनसाली क्षेत्र में दो मासूम बच्चों का अपना शिकार बना चुका है।
गुलदार के बढ़ते हमले के बाद अब वन विभाग ने इससे बचने के लिये नये सिरे से रणनीति बना रहा है। पहाड़ों में गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। भिलंगना ब्लॉक में बीते तीन महीने में दो मासूम बच्चों को गुलदार अपना शिकार बना चुका है।
चिंता की बात ये है कि गुलदार पहले जंगल में इंसानों पर हमला करता था लेकिन अब गुलदार दिनदहाड़े घरों में घुस रहा है। टिहरी में हुई दोनों घटनाओं में बच्चों पर गुलदार ने उस वक्त हमला किया जब दोनों बच्चे अपने घर के आंगन में खेल रहे थे।
ऐसे में अब गुलदार का खतरा लगातार बढ़ रहा है। वहीं वन विभाग गुलदार के हमले के बाद कुछ समय जागरुकता और पिंजरा लगाने तक की सीमित रहता है और उसके बाद हालात जस के तस हो जाते हैं। वर्ष 2014 से 2024 तक गुलदार के हमले में टिहरी वन प्रभाग में 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 124 घायल हुये हैं।
पिछले तीन साल में ही छह लोग गुलदार के हमले का शिकार हुये हैं। ऐसे में अब वन विभाग भी गुलदार के हमले से बचने के लिये ठोस रणनीति बनाने पर विचार कर रहा है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।गुलदार के लगातार बढ़ते हमले चिंता की बात हैं। संवेदनशील स्थानों में अब नियमित गश्त पर विचार किया जा रहा है। इसके लिये कार्ययोजना तैयार की जा रही है। ग्रामीणों को सतर्क रहने के संबंध में अभियान भी चलाया जाता है।
पुनीत तोमर, प्रभागीय वनाधिकारी टिहरी गढ़वाल