Uttarakhand: टीचर स्कूल नहीं पहुंचे तो छात्र-छात्राओं ने खुद पेपर व उत्तर पुस्तिकाएं बांटी और दे डाली परीक्षा
Uttarakhand News उत्तराखंड के टिहरी के जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में शिक्षकों की अनुपस्थिति में छात्र-छात्राओं ने खुद ही गणित और कला विषय की परीक्षा दे डाली। विद्यालय में तैनात दो शिक्षकों में से कोई भी परीक्षा कराने नहीं पहुंचा। इस घटना ने सरकारी शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को उजागर कर दिया है। शिक्षा विभाग ने लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई और परीक्षा को दोबारा आयोजित कराने की बात कही है।
लापरवाही पर शिक्षक निलंबित
हालांकि, अब शिक्षा विभाग लापरवाह शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही और परीक्षा को दोबारा आयोजित कराने की बात कह रहा है। वहीं मामले में डीएम ने लापरवाही पर शिक्षक को निलंबित कर दिया है।स्वास्थ्य अचानक खराब होने के कारण वह अस्पताल चले गए थे शिक्षक
प्रश्नपत्र हल करने के बाद बच्चे घर भी लौट गए, लेकिन शिक्षकों ने फिर भी विद्यालय पहुंचना जरूरी नहीं समझा। इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक प्रमोद रावत के अलावा एक महिला शिक्षक बीरू देवी भी तैनात है। प्रधानाध्यापक से जब अनुपस्थित रहने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य अचानक खराब होने के कारण वह अस्पताल चले गए थे। वहीं, शिक्षक बीरू देवी जूनियर हाईस्कूल समणगांव से स्थानांतरण के बाद नेल्डा में ज्वाइनिंग भी दे दी है, लेकिन सेवा समणगांव में ही दे रही हैं।जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में दो शिक्षक होने के बावजूद बच्चों को बिना शिक्ष के परीक्षा देनी पड़ रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है और इससे शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं। इस मामले में सख्ती बरती जानी चाहिए। - मनोहर लाल, प्रधान, ग्राम पंचायत नेल्डा
जानकारी मिली है कि विद्यालय में कोई भी शिक्षक नहीं था। हालांकि, हमने पास ही के प्राथमिक विद्याल से एक शिक्षक को व्यवस्था पर नेल्डा भेजा था, लेकिन वह भी परीक्षा कराने नहीं पहुंचे। उनसे स्पष्टीकरण तलब किया गया है। परीक्षा भी दोबारा से करवाई जाएगी। - मोनिका बाम, खंड शिक्षा अधिकारी, जाखणीधार
मेरे संज्ञान में भी यह मामला आया है। अगर सचमुच ऐसा हुआ है तो यह गंभीर लापरवाही है। इस मामले की जांच करवाई जाएगी। - वीके ढौंडियाल, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा), टिहरी
मजाक बनकर रह गई अर्धवार्षिक परीक्षा
बच्चों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है
कई विद्यालयों में तो अलग विषय का प्रश्न पत्र पहुंचने के बाद शिक्षा विभाग उस दिन होने वाले प्रश्नपत्र की पीडीएफ भेज रहा है। इसके बाद शिक्षक उसे डाउनलोड कर बाजार से फोटो कापी करवा रहे हैं। ऐसे में बच्चों को घंटों परीक्षा कक्ष के बाहर बैठकर इंतजार करना पड़ रहा है। एक विद्यालय में तो मानचित्र आधारित प्रश्न को हल करने के लिए विद्यार्थियों को मानचित्र ही नहीं दिए गए। ऐसे में अन्यत्र विद्यालय से मानचित्र मंगवाकर बच्चों को बांटने पड़े। वहीं, मुख्य शिक्षा अधिकारी (पौड़ी) नागेंद्र बड़थ्वाल का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। बच्चों को बच्चों को गलत प्रश्नपत्र दिया जाना गंभीर विषय है। प्रकरण की जांच करवाई जाएगी। जिस स्तर पर भी गलती हुई होगी, संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।