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    Uttarakhand News: देवप्रयाग में दरका पहाड़, दो आवासीय भवन क्षतिग्रस्त; पिता-पुत्र घायल

    By Jagran NewsEdited By: Nitesh Srivastava
    Updated: Mon, 14 Jul 2025 07:42 PM (IST)

    देवप्रयाग में नृसिंहाचल पर्वत पर भारी भूस्खलन से बाह बाजार में तबाही मची। दो मकान क्षतिग्रस्त हुए पिता-पुत्र घायल हुए और तीन वाहन क्षतिग्रस्त हुए। विद्युत पोल टूटने से आपूर्ति ठप हो गई और कुंडल-कोटी मोटर मार्ग बाधित हो गया। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र को नो-एंट्री जोन घोषित किया है और परिवारों को शिफ्ट करने की व्यवस्था की जा रही है।

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    बाह बाजार क्षेत्र में पहाड़ी से आये मलबे से टूटे विद्युत पोल और क्षतिग्रस्त वाहन।

    संवाद सूत्र, देवप्रयाग। देवप्रयाग में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित नृसिंहाचल पर्वत पर भारी भूस्खलन हुआ है। इससे बाह बाजार में बड़े-बड़े पत्थर व मलबा आने से दो आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गए और पिता-पुत्र घायल हो गए। पत्थरों की चपेट में आने से तीन वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।

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    इसके अलावा चार विद्युत पोल टूटने से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। मलबा आने से कुंडल-कोटी मोटर मार्ग बाधित हो गया है, जिससे कई गांवों का संपर्क कट गया है। एक सार्वजनिक शौचालय और पानी की टंकी को भी नुकसान हुआ है।

    नृसिंहाचल पर्वत की तलहटी में बसे पौड़ी जनपद के अंतर्गत आने वाले बाह बाजार में सोमवार दोपहर उस समय हड़कंप मच गया, जब पहाड़ी से पत्थर व मलबा गिरने लगा। पत्थरों से विपिन चंद्र मिश्रा और पन्नीलाल के मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

    घटना के समय पन्नीलाल और उनका पुत्र आशीष घर में मौजूद थे, दोनों घायल हो गए। पुलिस-प्रशासन की टीम ने दोनों घायलों को सीएचसी बागी पहुंचाया, जहां से आशीष को बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर कर दिया गया। इस दौरान सड़क पर खड़ी दो बाइक और एक पिकअप वाहन पत्थरों के नीचे दब गए।

    शिफ्ट किए जाएंगे 12 परिवार

    पौड़ी के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र शेट ने बताया कि कुंडल-कोटी मोटर मार्ग को जल्द से जल्द सुचारू कराने और बिजली-पानी की व्यवस्था करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं। भूस्खलन के खतरे से ग्रस्त पूरे क्षेत्र को नो-एंट्री जोन घोषित किया गया है।

    साथ ही भूस्खलन के खतरे को देखते हुए 12 परिवारों के 41 लोगों को अन्यत्र शिफ्ट कराने की कार्रवाई की जा रही है। प्रभावितों को मुआवजा दिए जाने के लिए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। साथ ही पहाड़ी पर भूस्खलन क्षेत्र की जांच के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित की जा रही है।

    15 वर्ष पहले भी गिरे थे पत्थर

    वर्ष 2010 में भी नृसिंहाचल पर्वत पर भूस्खलन हुआ था, तब भी इसी तरह पत्थर गिरे थे। ताजा घटना ने स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी है। इधर, पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी भी हालात का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी पौड़ी से प्रभावितों को तत्काल राहत दिए जाने के लिए बात भी की।

    संस्कृत विवि के छात्रों-कर्मचारियों को एहतियात के निर्देश

    केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर प्रशासन ने छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि भूस्खलन वाले स्थान की ओर न जाएं। परिसर निदेशक प्रो. पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने बताया कि कुछ दिन तक परिसर का बाह बाजार वाला गेट शाम के समय बच्चों के लिए नहीं खोलने का निर्णय लिया गया है।