दीपावली पर बनने लगी टिहरी की मशहूर मिठाई, त्योहार पर रहती है खूब डिमांड; मालू के पत्ते में आता है अलग ही स्वाद
पर्व पर इस मिठाई की काफी डिमांड रहती है। इस मिठाई को तैयार करने के लिए सबसे पहले पहाड़ में पाया जाने वाले मालू के पत्तों को पेड़ से निकालकर लाते हैं। उसके बाद पत्तों को धोकर साफ दिया जाता है और उसके बाद पत्ते को लपेटकर उसमें मिठाई रखी जाती है। मालू के पत्ते पर पर इस मिठाई का अलग ही स्वाद आता है।
संवाद सहयोगी, नई टिहरी। दीपावली के पर्व पर टिहरी की खास मिठाई सिंगोरी तैयार होने लगी है। पर्व पर इस मिठाई की अच्छी डिमांड हैं। बाहर से आने वाले लोग भी इस मिठाई को खूब खरीद रहे हैं। टिहरी की सिंगोरी की अपनी अलग पहचान हैं।
जब भी कोई पर्व आता है तो टिहरी की सिंगोरी तैयार की जाती है। इस मिठाई को बनाने भी एक खास अंदाज हैं। पुरानी टिहरी में टिहरी की सिंगोरी काफी प्रसिद्ध थी इसलिए लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने भी अपने गीत में इस मिठाई का जिक्र किया है।
पर्व पर डिमांड में रहती है सिंगोरी
पर्व पर इस मिठाई की काफी डिमांड रहती है। इस मिठाई को तैयार करने के लिए सबसे पहले पहाड़ में पाया जाने वाले मालू के पत्तों को पेड़ से निकालकर लाते हैं। उसके बाद पत्तों को धोकर साफ दिया जाता है और उसके बाद पत्ते को लपेटकर उसमें मिठाई रखी जाती है। मालू के पत्ते पर पर इस मिठाई का अलग ही स्वाद आता है।
नई टिहरी के प्रसिद्ध व्यापारी मदन सिंह चौहान इस मिठाई को तैयार कर रहे पुरानी टिहरी में इनके पिताजी द्वारा इस मिठाई को तैयार किया जाता था, जहां नई टिहरी में भी मदन चौहान और अन्य व्यापारी भी पर्व के अवसर पर इस मिठाई को तैयार करते हैं और लोग इसकी जमकर खरीददारी भी करते हैं।
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