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2000 Rupee Note: तिजोरियों से निकले गुलाबी नोट, बैंक की लंबी लाइन से बचने के लिए लोगों ने निकाली यह तरकीब

2000 Rupee Note भारतीय रिजर्व बैंक की घोषणा के बाद लोग बाजार में दो हजार रुपये के नोट खपाने निकल पड़े। एक कपड़ा व्यापारी ने बताया कि कई ग्राहक लंबे समय से उधार नहीं चुका रहे थे। इनमें से कई ने दो-दो हजार रुपये के नोट देकर उधार चुका दिया।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sun, 21 May 2023 11:44 AM (IST)
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2000 Rupee Note: भारतीय रिजर्व बैंक की घोषणा के बाद लोग बाजार में दो हजार रुपये के नोट खपाने निकले
टीम जागरण, रुद्रपुर : 2000 Rupee Note: चलन से हटने की घोषणा के बाद तिजोरियों से दो हजार के नोट बाहर निकलने लगे हैं। कई लोगों ने दो हजार के नोट के माध्यम से उधार चुकाया तो कई ने वाहनों में ईंधन भरवाया। वहीं, कैशलेस ट्रांजेक्शन होने से उद्यमियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। आम आदमी भी इससे बेफिक्र रहेगा।

भारतीय रिजर्व बैंक की घोषणा के बाद लोग बाजार में दो हजार रुपये के नोट खपाने निकल पड़े। इससे व्यापारियों के पास दो हजार के नोटों की आवक बढ़ी। बिक्री भी रोजाना की अपेक्षा पांच प्रतिशत से अधिक रही। ज्वेलर्स, कपड़े, इलेक्ट्रानिक्स की दुकानों व पेट्रोल पंपों पर दो हजार के नोट ज्यादा आए।

एक कपड़ा व्यापारी ने बताया कि उनके कई ग्राहक लंबे समय से उधार नहीं चुका रहे थे। इनमें से कई ने शनिवार को दो-दो हजार रुपये के नोट देकर उधार चुका दिया। कुछ ऐसे नेता व अधिकारी हैं, जिनके पास ट्रांसफर, तैनाती, ठेके दिलाने के नाम पर लाखों रुपये के दो-दो हजार के नोट तिजोरी में बंद हैं। वे इसे खपाने के लिए जुगाड़ में लगे हैं, क्योंकि उनके पास रकम का आय का स्रोत ही नहीं है।

बड़े शहरों के व्यापारी रुद्रपुर में खपा सकते हैं नोट

ब्लैकमनी रखने वाले दिल्ली व आसपास के शहर के बड़े व्यापारी सक्रिय हो गए हैं, जो रुद्रपुर में नोट खपाने की जुगत में लगे हैं। इसकी वजह रुद्रपुर बिजनेस हब है, यहां के व्यापारी दिल्ली, चंड़ीगढ़, मुरादाबाद आदि शहरों से माल लाकर यहां बेचते हैं। सिडकुल की वजह से खरीदार ज्यादा हैं। बताया गया कि पूर्व में नोटबंदी के समय दिल्ली व अन्य शहरों के व्यापारियों ने स्थानीय व्यवसायियों को नोट खपाने के लिए दिए थे।

गृहणियों ने खंगाले बाक्स

नोटबंदी के समय जिले की गृहणियों की भी काफी रकम बाहर निकली थी। शनिवार सुबह भी ऐसी कई महिलाएं दो हजार रुपये के नोट लेकर बाजार पहुंची। इनमें से कुछ ने सराफा की दुकान में सोने की अंगूठी तो कुछ ने टाप्स खरीदे।

रोजाना दो हजार के चार से पांच नोट आते थे। प्रचलन बंद होने की घोषणा के बाद शनिवार को 14 से 15 नोट आए। इससे खरीदारी बढ़ी गई। यदि ग्राहक सामान खरीदता है तो दो हजार के नोट लेने पड़ेंगे, क्योंकि अभी इनका चलन बंद नहीं हुआ है।

- निशांत ढल्ला, ज्वेलर्स, रुद्रपुर

पेट्रोल पंप पर ईंधन डलवाने अधिकांश लोग आनलाइन पेमेंट करते थे। पहले रोजाना दो हजार के नोटों की करीब 40 हजार की मुद्रा एकत्र होती थी। शनिवार को यह 70 हजार थी। इससे बिक्री बढ़ी है।

- सुमीत सिंह, संचालक, इंडियन आयल पेट्रोल पंप रुद्रपुर

उद्योगों का व्यापार ज्यादातर कैशलेस होता है। उद्योगों व आम आदमी पर दो हजार के नोट बंद होने से कोई असर नहीं पड़ेगा। आरबीआइ का यह कदम सराहनीय है। इससे ब्लैकमनी पर अंकुश लगेगा।

- अशोक बंसल, पूर्व अध्यक्ष, केजीसीसीआइ

नोटबंदी से बाजार में अस्थिरता पैदा होती है। यदि कोई ग्राहक सौ-दो सौ रुपये का सामान खरीदे और दो हजार का नोट थमाए तो असमंजस की स्थिति बन जाएगी। दुकानदार चेंज नहीं करेगा तो बिक्री पर असर पड़ेगा।

- संजय जुनेजा,अध्यक्ष, व्यापार मंडल

ऊधम सिंह नगर जिले की 344 बैंक शाखाओं को जारी होंगे 20 करोड़

आरबीआइ की घोषणा के बाद लोगों को नोट बदलने में कोई असुविधा न हो, इसके लिए जिले के बैंक तैयारियों में जुट गए हैं। जिले में कुल 344 बैंक शाखाएं हैं, जिनके लिए 20 करोड़ की करंसी जारी होगी। दो हजार रुपये के नोट जमा करने पर लोगों को 50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नोट दिए जाएंगे। आगामी मंगलवार से नोट बदले जाएंगे। आरबीआइ की गाइडलाइन के तहत एक व्यक्ति एक बार दो हजार के 10 नोट यानी 20 हजार रुपये ही बदल सकेगा।

इसके लिए बैंकों में लगने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रशासन उचित कदम उठाएगा। एसबीआइ करेंसी चेस्ट क्षेत्रीय कार्यालय हल्द्वानी के चैनल मैनेजर विकास कुमार ने बताया कि करीब 20 करोड़ रुपये की करेंसी ऊधम सिंह नगर के लिए जारी होगी।

दो हजार के नोट के बदले बैंक ग्राहकों को 50, 100, 200 व 500 रुपये के नोट देंगे। बैंक शाखा को अधिकतम लगभग 20 लाख रुपये की करेंसी जारी होगी। चैनल मैनेजर के अनुसार संभावना है कि दो हजार के नोट आम लोगों के पास कम ही हैं। आगे जैसी स्थिति बनेगी, उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा। हर बैंक शाखा अपने स्तर पर काउंटर लगाने की व्यवस्था कर सकेगी।

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