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12.62 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी का मुख्य साजिशकर्ता गिरफ्तार, फर्जी चेक बनाने वाले की तलाश जारी

इंडसइंड बैंक आवास विकास में करोड़ों रुपये के गबन मामले में मुख्य साजिशकर्ता और फर्जी चेक बनाने वाले का नाम सामने आया है। पुलिस ने मुख्य अभियुक्त ललित कुमार महेंद्रु उर्फ लाली को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में पता चला है कि महेंदु ने बैंक मैनेजर देवेंद्र सिंह और अन्य के साथ मिलकर गबन किया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

By arvind singh Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 10 Oct 2024 11:22 AM (IST)
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रुद्रपुर कोतवाली में पुलिस हिरासत में गबन का आरोपित।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर। इंडसइंड बैंक आवास विकास से करोड़ों रुपये गबन में मुख्य साजिशकर्ता और बैंक प्रबंधक से पूछताछ में फर्जी चेक बनाने वाला सोनीपत हरियाणा निवासी राज शर्मा का नाम सामने आया है। राज और चेयरमैन उर्फ राजकुमार की तलाश में पुलिस जुट गई है।

पुलिस साजिशकर्ता और प्रबंधक को चार दिन पीसीआर पर लेने के लिए आज कोर्ट में पत्र देगी। रिमांड मिलती है तो पूछताछ में और मामले सामने आ सकते हैं।

बैंक से कंपीटेंट एंड अथारिटी फार लैंड एक्विजिशन यानी काला और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के संयुक्त खाते से 12.62 करोड़ रुपये 28 और 31 अगस्त को तीन फर्जी चेक से निकाले गए थे। काला व किच्छा एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा की तहरीर पर ट्रांजिट कैंप थाना पुलिस ने दो सितंबर को विभिन्न धाराओं में बैंक प्रबंधक व कैशियर पर केस दर्ज कर जांच में जुट गई थी।  प्रबंधक और कैशियर को जेल भेज दिया गया था।

50 से अधिक लोगों से पुलिस ने की पूछताछ

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने ललित कुमार महेंद्रु उर्फ लाली, चेयरमैन उर्फ रामकुमार, लाली की बहन मीनू बाठला को पुलिस मुख्य अभियुक्त बनाया। पुलिस ने तीनों की तलाश रुद्रपुर में बलवन्त एन्क्लेव स्थित घर एवं हरियाणा और पंजाब में अन्य पतों पर दबिश दी। मामले में 50 लोगों से रुद्रपुर एवं अन्य राज्यों में जाकर पूछताछ की।

विदेश जाने से रोकने की दशा में इनके विरुद्ध एओसी ( लुक आऊट सरकुलर) भी जारी किया गया था। पुलिस ने तीनों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट प्राप्त किया। जांच में यह भी प्रकाश में आया कि तीनों ने संगठित तौर पर षडयंत्र रचा और बैंक मैनेजर एवं कैशियर के साथ मिलकर गबन किया। इस पर संगीन धाराओं की बढोत्तरी की गई।

पुलिस ने एक अक्टूबर को मुख्य अभियुक्त ललित कुमार को पुलिस जीरतपुर पंजाब से गिरफ्तार कर जिला न्यायालय रुद्रपुर में पेश कर उसे जेल भेज दिया। मंगलवार को पुलिस ने कोर्ट से ललित कुमार महेंद्रु उर्फ लाली और ब्रांच मैनेजर देवेंद्र सिंह की पुलिस रिमांड प्राप्त की। आरोपितों के बताए गए के आधार पर पुलिस विभिन्न स्थानों पर जाकर पूछताछ की। पूर्ण रैकेट और सरकारी धन के गबन करने के षडयंत्र का पता लगाने के आरोपितों की पुलिस तलाश में जुटी है।

महेंदु ने बैंक में जेवर गिरवी रख लिया था 25 लाख रुपये लोन

महेंदु ने किसी बैंक में जेवर गिरवी रख 25 लाख रुपये लोन लिया था। इंडसइंड बैंक से गबन के रुपयों में 25 लाख बैंक में जमाकर गिरवी के जेवर छुड़ा लिए थे। खुद को डीलर बताकर उसने बैंक प्रबंधक देवेंद्र से दोस्ती की। लोन लेने के बजाय महेंदु प्रबंधक देवेंद्र, चेयरमैन और राज शर्मा के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के मुआवजे के रुपये के गबन का षड्यंत्र रचा। महेंदु ने बैंक में खाते खुलवाए। राज शर्मा को उसने फर्जी चेक बनाने की जिम्मेदारी सौंपी। क्योंकि शर्मा फर्जी चेक बनाने यानी दूसरे की राइटिंग की नकल करने में माहिर है।

68 खातों में भेजी गई थी धनराशि

जिले की साइबर सेल की ओर से धनराशि के बारे में जानकारी करने पर पता चला कि यह चंडीगढ, मुंबई और जयपुर के तीन अलग-अलग खातों में स्थानांतरित की गई। इन तीन मुख्य खातों से यह राशि पुनः सात बार विभिन्न राज्यों एवं बैंकों के 68 अलग-अलग खातों में भेजी गई थी। इस राशि को न्यायालय के माध्यम से संयुक्त खाते में वापस कराया गया।

मुख्य अभियुक्त ललित कुमार महेंद्रु उर्फ लाली के आपराधिक इतिहास की खंगाली गई तो पता चला कि वह पूर्व में भी गुजरात में इसी तरह की धोखाधड़ी में आरोपित रहा है। इसकी जांच के लिए जिले की पुलिस ने गुजरात के विभिन्न शहरों में जाकर उसके पूर्व परिचितों से पूछताछ भी की। जयपुर में लगभग 2.5 करोड़ की धनराशि अपने खातों में प्राप्त करने वाले अभियुक्त विनोद शर्मा निवासी सीकर और प्रवीन शर्मा निवासी कल्याणनगर जयपुर पर पुलिस ने सुसंगत धाराओं में कार्रवाई की।

मुंबई में पुलिस टीम ने करीब 10 दिन तक मुख्य खाताधारकों के विभिन्न कार्यालयों और पतों पर छापेमारी की तो वहां के मुख्य खाताधारक के लिए काम करने वाले जीवराज माली उर्फ विशाल निवासी सिरोही राजस्थान और भरत कुमार मिश्रा निवासी झुनझुनु राजस्थान के विरुद्ध कार्रवाई की।

ऊधम सिंह नगर के एएएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया-

मुख्य साजिशकर्ता महेंदु ने किसी बैंक से 25 लाख रुपये लोन लिया था और इसके बदले में जेवर गिरवी रखे थे। गबन के रुपयों में 25 लाख रुपये बैंक को चुकता कर गिरवी में रखे जेवर छुड़ा लिया। महेंदु व देवेंद्र को चार दिन के लिए पीसीआर पर लेने के लिए आज कोर्ट में पत्र दिया जाएगा।

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