Farmers Protest उत्तर-प्रदेश उत्तराखंड के किसान संगठनों की बैठक में तय किया गया कि अगर किसानों को खनौरी व शंभू बार्डर से आगे नहीं आने दिया जाता है तो भविष्य में उप्र उत्तराखंड के किसान भी खनौरी व शंभू बार्डर पहुंचेंगे। साथ ही ग्रामीण भारत बंद को लेकर चार घंटे तक चीनी मिल बंद रख विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।
संवाद सहयोगी, बाजपुर। गुरुवार को गुरुद्वारा साहिब में उत्तर-प्रदेश, उत्तराखंड के किसान संगठनों की बैठक संपन्न हुई बैठक में शंभू व खनौरी बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए सरकार द्वारा की जा रही तानाशाही की जमकर निंदा की गई।
संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार यदि आंदोलनकारी किसानों पर अलोकतांत्रिक तरीके से अत्याचार करती है तो उप्र, उत्तराखंड के तराई क्षेत्र से भी किसान शंभू व खनौरी बार्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में जाएंगे।
भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि बैठक में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा, तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह विर्क, भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां के महेंद्र सिंह रंधावा व लखविंदर सिंह, मीटिंग के आयोजक अजीत प्रताप सिंह रंधावा सहित अन्य धार्मिक व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किसान आंदोलन के मौजूदा हालातों पर गंभीरतापूर्वक विचार विमर्श किया गया।
बैठक में लिया गया यह फैसला
तय किया गया कि अगर किसानों को खनौरी व शंभू बार्डर से आगे नहीं आने दिया जाता है तो भविष्य में उप्र, उत्तराखंड के किसान भी खनौरी व शंभू बार्डर पहुंचेंगे और यदि किसान दिल्ली पहुंचते हैं तो दिल्ली कूच किया जाएगा। साथ ही ग्रामीण भारत बंद को लेकर चार घंटे तक चीनी मिल बंद रख विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।
बैठक की अगुवाई भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा व संचालन भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने किया। बैठक में बिजेंद्र सिंह डोगरा, प्रताप सिंह संधू, हरप्रीत सिंह निज्जर, जसवीर सिंह, बलदेव सिंह, गुरविंदर सिंह, करणवीर खैर, रतन बाजवा, निशान सिंह, दलेर सिंह रंधावा, राजकिशोर सिंह, उपकार संधू, गुलजार सिंह आदि मौजूद थे।
20 को बाजपुर महिला मार्च पर चर्चा
भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि बाजपुर के 20 गांव की 5838 एकड़ भूमि के भूमिधरी अधिकारों को लेकर चल रहे भूमि बचाओ सत्याग्रह आंदोलन पर चर्चा करते हुए किसानों ने 20 फरवरी को बाजपुर में प्रस्तावित महिला मार्च की तैयारी पर भी चर्चा की व शांतिपूर्वक महिला मार्च करने का निर्णय लिया गया।
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