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उत्तराखंड पुलिस अपनी कारस्तानियां छिपाने को उत्तर प्रदेश पुलिस पर उठा रही सवाल

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुरादाबाद में अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाया तो खनन माफियाओं ने उत्तराखंड के सीमावर्ती जिले ऊधम सिंह नगर का रुख कर लिया। तराई में कोसी नदी से डंपर अवैध तरीके से ऊधमसिंहनगर जिले की कई चौकियों को पार कर उपखनिज ले जाते रहे!

By arvind singhEdited By: Skand ShuklaUpdated: Fri, 14 Oct 2022 11:06 AM (IST)
उत्तराखंड पुलिस अपनी कारस्तानियां छिपाने को उत्तर प्रदेश पुलिस पर उठा रही सवाल
माफिया नदी का सीना चीर उपखनिज को वाहन से पार कराते थे बार्डर

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुरादाबाद में अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाया तो खनन माफियाओं ने उत्तराखंड के सीमावर्ती जिले ऊधम सिंह नगर का रुख कर लिया। तराई में कोसी नदी से डंपर अवैध तरीके से ऊधमसिंहनगर जिले की कई चौकियों को पार कर उपखनिज ले जाते रहे, लेकिन जिले की पुलिस की कभी इनपर नजर नहीं पड़ी।

अब उत्तराखंड पुलिस अपनी कारस्तानियों पर्दा डालने के लिए अब उत्तर प्रदेश पुलिस पर सवाल खड़ी कर रही है। यूके पुलिस का कहना है कि बिना यूनिफार्म व आइ कार्ड मुरादाबाद पुलिस कुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम भरतपुर में 50 हजार के इनामी बदमाश को पकड़ने के लिए दबिश ही क्यों दी। इस दौरान हुए शूटआउट में एक महिला की मौत हो गई और मुरादाबाद के पांच पुलिस कर्मी घायल हो गए।

कोसी नदी का सीना खुलेआम खनन माफिया चीर रहे हैं। जिन स्थानों से उपखनिज की निकासी होती है, वहां पर पिकेट पर पुलिस तैनात रहती है। अजीतपुर से उपखनिज ले जाते समय पैगा पुलिस चौकी, इसके बाद टांडा पुलिस चौकी, फिर मंडी चौकी और अंत में ठाकुरद्वारा जिला मुरादाबाद उत्तर प्रदेश बार्डर पर सूर्या पुलिस चौकी पड़ती है।

रिश्वत की पर्ची से बेरोक टोक आतेजाते हैं खनन वाहन

इन चौकियों से रात करीब 10 बजे के बाद से अवैध उपखनिज वाहनों से बार्डर पार कराया जाता है, मगर पुलिस अनजान बनी रहती है। सेटिंग गेटिंग से अवैध खनन में लगे वाहनों की पर्चियां दी जाती हैं, जिन पर वाहन नंबर लिखा जाता है। जिससे बेरोकटोक जाने दिया जाता है और इसके बदल में 800 से एक हजार रुपये वसूले जाते थे।

इस बात से मिलीभगत का अंदेश

यदि पुलिस इन पर अंकुश लगाती तो शायद 13 सितंबर को अवैध उपखनिज से लदे वाहनों को रोकने में ठाकुरद्वारा के एसडीएम व अन्य अधिकारी को माफिया बंधक नहीं बना पाते हैं। सवाल यहीं पर आकर यूएस नगर पुलिस पर खड़ा हो रहा है कि मुरादाबाद के प्रशासन व पुलिस अधिकारी यूएस नगर से हो रहे अवैध खनन को पकड़ रहे हैं, मगर यूएस नगर पुलिस क्यों नहीं पकड़ पा रही थी, क्या पुलिस की मिलीभगत थी या पता नहीं था।

नियामों का पाठ पढ़ाने की बजाए खुद करनी थी सख्ती

अधिकारियों को बंधक बनाने वाले इनामी बदमाश जफर को दबाेचने जब मुरादाबाद की एसओजी टीम ने काशीपुर के एक घर में दबिश तो मुठभेड़ हो गई और एक महिला की मौत हो गई। इस पर डीआइजी कुमाऊं मुरादाबाद पुलिस को मानकों का पाठ पढ़ा रहे हैं कि सिविल कपड़े में टीम थी। इनके पास आइ कार्ड नहीं था। पुलिस सूत्रों की मानें तो एसओजी टीम जब आरोपित को पकड़ने जाती है तो सिविल ड्रेस में ही अक्सर होती है। जिससे आरोपित खाकी देख भाग न सके।

यूएस नगर पुलिस फेल

डीआइजी इस मामले की भी जांच कराते कि मुरादाबाद में यूएस नगर में हुए अवैध खनन को पकड़ा जा रहा है,जबकि यूएस नगर पुलिस क्या कर रही थी, क्या अवैध खनन पर अंकुश लगाने में फेल थी। यूएस नगर पुलिस की कार्यशैली पर तरह तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस अपनी जेब भरने में लगी है, उसे नदी का सीना चीरा जा रहा है और उत्तराखंड को राजस्व का नुकसान हो रहा है, इससे कोई मतलब नहीं है।

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