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Uttarakhand के ऊधमसिंह नगर में 10 हजार से अधिक लोग नशीले इंजेक्शन के आदी, कई तो सालों से करवा रहे इलाज

Drug Addiction in Uttarakhand उत्तराखंड केऊधम सिंह नगर जिले में करीब 10 हजार लोग नशीले इंजेक्शन का उपयोग कर रहे हैं। नशे की लत से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए जिले में दो ओएसटी सेंटर और नौ नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं। राज्‍य सरकार की ओर से नशा मुक्त भारत पर तमाम अभियान भी चलाए जाते हैं। जिले की वर्तमान आबादी करीब 20 लाख से भी अधिक है।

By virendra bhandari Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 27 Oct 2024 07:32 PM (IST)
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Drug Addiction in Uttarakhand: अन्य नशे में भी लिप्त हैं लोग। प्रतीकात्‍मक
जासं, रुद्रपुर। Drug Addiction in Uttarakhand: ऊधम सिंह नगर में करीब 10 हजार लोग नशीले इंलेक्शन का उपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य नशे में भी लोग लिप्त हैं। जिन्हें नशे से छुटकारा दिलाने के लिए जिले में दो ओएसटी सेंटर व नौ नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं। जहां वर्षों से जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक नशे के आदी लोगों का इलाज कर रहे हैं।

जिले की वर्तमान आबादी करीब 20 लाख से भी अधिक है। यहां नशीले इंजेक्शन के साथ ही अफीम, चरस, स्मैक, डोडा, शराब समेत सभी तरह के नशे में लोग लिप्त मिलते हैं। सरकार की ओर से नशा मुक्त भारत पर तमाम अभियान भी चलाए जाते हैं। इसी के तहत जिले में उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति की ओर से ओएसटी अर्थात ओपिओइड सब्सटीट्यूशन थेरेपी सेंटर काशीपुर और रुद्रपुर जिला अस्पताल में खोले गए।

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काशीपुर में 250 जबकि रुद्रपुर में 600 सक्रिय

काशीपुर में वर्तमान में 250 व रुद्रपुर में 600 से अधिक लोग पंजीकृत हैं। ओएसटी केंद्र खोलने का मुख्य उद्देश्य नशे से दूर कराने और एचआईवी पर रोक लगाने के लिए है। सीनियर काउंसलर डा. शैलजा दीक्षित ने बताया कि इस केंद्र को खोलने का मानक और उद्देश्य नशा मुक्ति केंद्र से अलग है। केंद्र सिर्फ नशे के इंजेक्शन की आदत छुड़ाने पर काम करता है। यह केंद्र ऐसे क्षेत्र में खुलता है, जहां एक सर्वे के आधार पर करीब पांच हजार लोग इंजेक्शन से नशे का उपयोग कर रहे हों।

प्राय: देखा जाता है कि एक ही इंजेक्शन को कई लोग उपयोग करते हैं। ऐसे में एचआईवी का मामला भी बढ़ता है। इसलिए इसका संचालन किया जाता है। इसमें नशे के आदी व्यक्ति की काउंसलिंग के बाद उसकी दवा का निर्धारण किया जाता है।

वहीं, अन्य नशे से मुक्ति के लिए नौ नशा मुक्ति केंद्र संचालित है। स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत निजी संस्थाएं इसका संचालन कर रही हैं। काशीपुर में करीब 250 सक्रिय हैं, जबकि रुद्रपुर में 600 सक्रिय हैं। इनमें कुछ ऐसे में भी हैं जो पिछले 10 वर्षों से जुड़े हैं और दवा ले रहे हैं।

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जागरुकता के लिए आए दिन लगते हैं शिविर

नशे से बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग व राज्य एड्स नियंत्रण समिति की ओर से लोगों को नशे से दूर रहने और एचआईवी एड्स जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है।

इसके अलावा श्रमिकों आदि के स्वास्थ्य की जांच भी कराई जाती है। ताकि, इंजेक्शन से फैलने वाले एचआईवी एड्स पर पूरी तरह से रोकथाम लगाई जा सके। समय-समय पर होने वाले कार्यक्रमों में भी समिति स्टाल लगाकर लोगों को जागरूक करते हैं।

केंद्र पंजीकृत

  • लाइफ लाइन नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र, सितारंगज = 41
  • लाइफ केयर वेलफेयर सोसायटी, सितारगंज = 44
  • नव चेतना चेरिटेबल ट्रस्ट, लालपुर किच्छा = 17
  • आयरक्षा नशा मुक्ति केंद्र एवं जनसेवा ट्रस्ट, रुद्रपुर = 45
  • तेजवनी, फाउंडेशन, नशा मुक्ति केंद्र, धौलपुर खानपुर = 49
  • जीवन जागृति सेवा समिति केंद्र, करनपुर, काशीपुर = 53
  • संप्रण ट्रस्ट, आवास विकास, किच्छा = 11
  • जीवन दान नशा मुक्ति केंद्र, बैलजुड़ी, काशीपुर = 14
  • खालसा नशा मुक्ति केंद्र, नानकमत्ता = 00
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