केंद्रीय रक्षा मंत्री रहते हुए कुर्ता-धोती पहनकर माइनस डिग्री तापमान में लद्दाख पहुंचे थे मुलायम
उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव देश के पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने केंद्रीय रक्षा मंत्री रहते हुए भारतीय पोशाक कुर्ता-धोती पहनकर माइनस डिग्री तापमान रहने वाले लद्दाख पहुंचे थे। जून को छोड़ अन्य दिनों में लद्दाख में बहुत ठंड पड़ती है।
By Jagran NewsEdited By: Skand ShuklaUpdated: Tue, 11 Oct 2022 11:24 AM (IST)
अरविंद कुमार सिंह, रुद्रपुर : उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव देश के पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने केंद्रीय रक्षा मंत्री रहते हुए भारतीय पोशाक कुर्ता-धोती पहनकर माइनस डिग्री तापमान रहने वाले लद्दाख पहुंचे थे। जून को छोड़ अन्य दिनों में लद्दाख में बहुत ठंड पड़ती है। मुलायम दबे कुचले की आवाज का वाहक बन उभरे थे, जो किसानों, युवाओं को सैनिकों के हितैषी थे। हर समय इनकी भलाई के लिए संघर्ष करते रहे।
पूर्व सीएम मुलायम उत्तर प्रदेश विधानसभा में 10 बार चुनाव और पांच बार लोकसभा चुनाव जीते थे। पहले शहीद सैनिकों की पेंशन बनने में दो से तीन साल लग जाते थे। शहीदों के पेंशन बनवाने में आश्रितों के जूते घिस जाते थे। वर्ष, 1996 में मैनपुरी से पहली लोकसभा चुनाव जीते तो केंद्र में संयुक्त मोर्चा की सरकार एचडी देवगौड़ा की बनी तो मुलायम को केंद्रीय रक्षा मंत्री बनाया गया। उन्होंने ऐसी व्यवस्था की जिससे सैनिक शहीद के आश्रित की उसी समय पेंशन की प्रक्रिया पूरी हो जाती थी। जिससे आश्रितों को इधर उधर भटकना न पड़े।
उत्तराखंड वीरों का राज्य है। तराई में किसान बाहुल्य लोग हैं, इनकी आर्थिक उन्नति के लिए मुलायम सिंह यादव हमेशा फसल की वाजिब लागत दिलाने के लिए संघर्ष करते रहे। सामान्य परिवार से देश की सियासत में शिखर पर पहुंचकर पहचान बनाने वाले मुलायम की सोच व संघर्ष को देखकर ही स्व. प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने अपने बेटे चौधरी अजीत सिंह को राजनीतिक विरासत न मानकर मुलायम को मान लिया था। चरण सिंह ने ही ने मुलायम को नेता जी की उपाधि दी थी।
यूएस नगर में पहले समाजवादी में रह चुके नेताओं का कहना था कि आजादी के बाद किसी को नेताजी कहा गया तो मुलायम को। उसम समय मुलायम राष्ट्रीय लोक दल से जुड़े थे। बाद में मुलायम सिंह यादव ने वर्ष, 1992 में समाजपार्टी का गठन किया। आजादी से पहले नेता जी की उपाधि सुभाष चंद्र बोस को दिया गया था। बताते हैं कि मुलायम सिंह ने वर्ष, 1996 में गांधी पार्क में सभा को संबोधित किया गया था। इसके बाद भी वह रुद्रपुर व किच्छा आए थे। वह तराई के किसानों के अधिकारों के प्रति ज्यादा सजग थे। इसकी वजह तराई में गन्ना, गेहूं व धान का उत्पादन अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा ज्यादा होता है।
मुलायम की खासियत थी कि वह अपने कार्यकर्ताओं को सम्मान के साथ पहचानते थे, उनकी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करते थे। इसलिए कार्यकर्ता भी पार्टी के प्रति समर्पित रहते थे। राज्य बनने के बाद भी यूएस नगर में सपा की काफी पकड़ थी। सपा से रुद्रपुर किच्छा विधानसभा से राजेश शुक्ला ने चुनाव लड़ा था तो दूसरे नंबर पर थे। मुलायम सिंह यादव रुद्रपुर आते थे तो अपने कार्यकर्ताओं को नाम लेकर संबाेधित करते थे।
यह भी पढेंआठ पहाड़ी जिलों को मिलाकर उत्तराखंड बनाने के पक्ष में थे मुलायम, क्या थीं कौशिक समिति की शिफारिशें? खटीमा, मसूरी और रामपुर तिराहा कांड ने बिगाड़ी थी मुलायम की छवि, बयानों से आहत हुए थे पहाड़ के लोग
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।