शिवम को पाने के लिए मजहब की दीवार तोड़कर महक बन गई शिवानी, हाई कोर्ट से सुरक्षा मिलने के बाद हुए एक-दूजे के
शिवम के स्वजन तो मान गए थे पर महक के घर वाले नहीं मान रहे थे। लंबी जद्दोजहद के बाद 12 जुलाई को विशेष विवाह अधिकारी के समक्ष महक व शिवम की मोहब्बत को कानूनी जामा पहना दिया गया और अब दोनों पति-पत्नी के रूप में साथ रह रहे हैं। हाई कोर्ट से सुरक्षा के निर्देश मिलने के बाद दोनों खटीमा लौट आए थे।
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Fri, 14 Jul 2023 09:37 AM (IST)
जागरण संवाददाता, खटीमा: Uttarakhand News: शिवम को पाने के लिए महक मजहब की दीवार तोड़कर शिवानी बन गई। लंबी जद्दोजहद के बाद 12 जुलाई को विशेष विवाह अधिकारी के समक्ष महक व शिवम की मोहब्बत को कानूनी जामा पहना दिया गया और अब दोनों पति-पत्नी के रूप में साथ रह रहे हैं।
दोनों ने जिंदगी साथ निभाने का निर्णय कर लिया
शिवम वार्ड नंबर एक सब्जी मंडी में रहता है। उसकी सब्जी की दुकान है। महक का परिवार इस्लाम नगर में रहता है। छोटे से शहर में आसपास रहते हुए शिवम व महक की दोस्ती प्यार में बदल गई। कुछ वक्त के बाद दोनों ने जिंदगी साथ निभाने का निर्णय कर लिया।
इस पर शिवम के स्वजन तो मान गए पर महक के घर वाले नहीं माने। उसे मजहब का वास्ता दिया गया, खानदान की रवायत समझाई गई। इसके बावजूद महक नहीं मानी।
वह शिवम के साथ घर से भाग गई
परिवार वालों ने उसकी उसकी जिद को तोड़ने के लिए दूसरे तौर-तरीके इस्तेमाल करने शुरू कर दिए। ऐसे में ढाई महीने पहले वह शिवम के साथ घर से भाग गई और दोनों इधर-उधर भटकते रहे। अब कहानी में सब कुछ फिल्मी जैसा था।
जोड़े की तलाश, मिल जाएं तो दोनों को किसी तरह अलग कर देने के खतरनाक इरादे। इन इरादों को भांपकर दोनों हाई कोर्ट की शरण में चले गए। हाई कोर्ट में दोनों को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
दोनों कानूनी रूप से विवाह के बंधन में बंध गए
हाई कोर्ट से सुरक्षा के निर्देश मिलने के बाद दोनों खटीमा लौट आए और विशेष विवाह अधिकारी/एसडीएम की अदालत में विवाह की अर्जी लगाई। जरूरी कानूनी प्रक्रियाओं के पूरा होने पर बुधवार को दोनों कानूनी रूप से विवाह के बंधन में बंध गए। विवाह के बाद महक ने हिंदू नाम शिवानी कर लिया है।
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