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अब गन्ना किसानों को 14 दिन के भीतर होगा भुगतान, धामी सरकार की सत्र 2024-25 की सट्टा नीति लागू

उत्तराखंड की धामी सरकार ने पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ने की सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी है। गन्ना किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा गया है। गन्ना काश्तकारों के गन्ना उपज का भुगतान ऑनलाइन व आरटीजीएस के माध्यम से 14 दिन के भीतर चीनी मिलों की तरफ से सुनिश्चित करने की बात की बात कही गई है।

By abhay pandey Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 19 Sep 2024 10:39 AM (IST)
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मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर स‍िंह धामी। - फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, काशीपुर। गन्ना किसानों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ने की सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी है। गन्ना किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा गया है। वित्तीय वर्ष के लिए जारी गन्ने के सट्टा एवं आपूर्ति नीति में गन्ना किसानों को रियायत और सहूलियत देने की कोशिश की गई है।

गन्ना काश्तकारों के गन्ना उपज का भुगतान ऑनलाइन व आरटीजीएस के माध्यम से 14 दिन के भीतर चीनी मिलों की तरफ से सुनिश्चित करने की बात की बात कही गई है। गन्ना आयुक्त कार्यालय की तरफ से जारी सूचना में बताया गया कि पहली बार बार गन्ना समिति के नए कृषक सदस्यों का सट्टा पेराई सत्र 2023-24 में संबंधित चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति अथवा संबंधित जिले की गन्ना उत्पादकता का 65 प्रतिशत, इनमें से जो भी अधिक हो, उसकी सीमा तक गन्ना सट्टा का लाभ दिया जाएगा।

पहली बार नए समिति सदस्यों जिनके पास पेड़ी अथवा शरदकालीन पौधा है उनकी पर्चियां छठे पक्ष में लगाई जाएंगी और जिनके पास पौधा गन्ना है, उनकी पर्चियां सातवें पक्ष में लगाई जाएंगी। वहीं गन्ना किसानों को इस बार अतिरिक्त सट्टे की मात्रा पूरी न किये जाने की स्थिति में गत पेराई सत्रों में पांच रुपये प्रति क्विंटल की पेनाल्टी लगाई जाती थी, जिसे काश्तकार हित में पेराई सत्र 2024-25 में शत प्रतिशत छूट दी गई है।

सट्टा नीति में गन्ना आयुक्त कार्यालय की तरफ से जारी जानकारी में बताया गया है कि गत वर्ष प्राकृतिक आपदा व अतिवृष्टि के कारण गन्ने की फसल को हुए नुकसान को देखते हुए पेराई सत्र 2024-25 को बेसिक कोटा की गणना में पेराई सत्र 2023-24 में काश्तकार द्वारा की गई गन्ना आपूर्ति का संज्ञान नहीं लिया जायेगा। छोटे गन्ना किसानों की पेड़ी गन्ने की पर्चियां एक से दो पक्ष में तथा पौधे गन्ने की पर्चियां पांच से छह पक्ष में जारी की जाएगी।

गन्ना किसानों की सुविधा को देखते हुए पर्ची में निर्धारित वजन से 15 प्रतिशत तक की अतिरिक्त छूट तौल को दी गई है। यूके केन एप के जरिये किसानों को मिलेगी सभी जानकारी गन्ना किसानों को लाभ देने के मकसद से इस बार विशेष यूके केन एप लांच किया गया है। जिसको प्ले स्टोर से लिया जा सकता है। इसके जरिये गन्ना किसानों को अपने कोटे, गन्ना पर्चियों के निर्गत होने की तिथि व भुगतान की जानकारी मिल सकेगी।

गन्ना किसानों को शिकायतों के निवारण होगा कंट्रोल रूम स्थापित गन्ना किसानों को सत्र में किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े इसका खास ध्यान रखा गया है। सत्र के दौरान कृषकों को शिकायत निवारण प्रणाली के अंतर्गत सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से जनपद और मुख्यालय स्तर पर कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गयी है।

गन्ना क्षेत्रफल 90365 हेक्टेयर

पेराई सत्र 2024-25 में कुल गन्ना क्षेत्रफल 90365 हेक्टेयर है और राज्य में 2.57 लाख गन्ना कृषक समितियों के पंजीकृत सदस्य है। जो 14 सहकारी गन्ना विकास समितियों व एक चीनी मिल समिति के माध्यम से आठ चीनी मिलों को गन्ना आपूर्ति करते हैं।

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