UP Police firing in Kashipur: उत्तराखंड पुलिस को नहीं थी यूपी पुलिस की कार्रवाई की सूचना
UP Police firing in Kashipur स्थानीय पुलिस से जानकारी शेयर करने में कहीं न कही पुलिस को यह डर था कि अपराधी को यह जानकारी हाथ लग सकती है। घटना के तरकीनब 10 मिनट बाद स्थानीय पुलिस को जानकारी हुई।
By Jagran NewsEdited By: Rajesh VermaUpdated: Wed, 12 Oct 2022 11:11 PM (IST)
जागरण संवाददाता, काशीपुर। UP Police firing in Kashipur: काशीपुर की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यूपी पुलिस उत्तराखंड में आकर एक जनप्रतिनिधि के घर में घुसकर फायरिंग कर देती है और उत्तराखंड पुलिस को इसकी खबर ही नहीं होती। नियम-कायदों को ताक पर रखने का नतीजा ही है कि इस घटना ने दोनों राज्यों की पुलिस का आमने-सामने ला खड़ा किया है।
गुप्त कार्रवाई चाह रही थी यूपी पुलिस
जानकारी के मुताबिक, स्थानीय पुलिस को यूपी पुलिस की कार्रवाई करने की सूचना नहीं मिली थी। माना जा रहा है कि यूपी पुलिस पूरे मामले में गुप्त तरीके से कार्रवाई चाह रही थी। स्थानीय पुलिस से जानकारी शेयर करने में कहीं न कही पुलिस को यह डर था कि अपराधी को यह जानकारी हाथ लग सकती है। घटना के तरकीनब 10 मिनट बाद स्थानीय पुलिस को जानकारी हुई।ये भी पढ़ें : ऊधमसिंह नगर में UP Police की फायरिंग, जसपुर के ज्येष्ठ प्रमुख की पत्नी की मौत, यूपी पुलिस के 3 जवान भी घायल
उत्तराखंड में छह से ज्यादा आरोपितों के तलाश
मुरादाबाद पुलिस की सख्ती के चलते यूपी के खनन अपराधी उत्तराखंड में शरण ले रहे हैं। पुलिस को इनपुट मिला था कि काशीपुर, बाजपुर क्षेत्र में तकरीबन छह से ज्यादा अवैध खनन से जुड़े अपराधी शरण ले चुके हैं। यूपी पुलिस आने वाले दिनों में अन्य इलाकों में भी इनके गिरफ्तारी को लेकर दबिश दे सकती है। सूत्रों का कहना है कि खनन के इस खेल में उत्तराखंड के कई सफेदपोश लोगों के मदद से यह पूरा नेटवर्क चलाया जा रहा है। मुरादाबाद में एक सत्ताधारी नेता के ऊपर भी मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।ये भी पढ़ें :UP Police firing in Kashipur: पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखने से पहले ही पुलिस ने छीन ली गुरप्रीत की जिंदगीUP Police firing in Kashipur: DIG भी पहुंचे, बोले- दर्ज होगा हत्या का मुकदमा, गिरफ्तारी के लिए बनाई टीम
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