Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Uttarakhand: अवैध मदरसे से 24 बच्चे कराए गए मुक्त, किया जा रहा था मानसिक और शारीरिक शोषण; संचालिका गिरफ्तार

मदरसा सील कर दिया गया है। सिरोली कलां के वार्ड 18 में बाबू गोटिया चार बीघा क्षेत्र में इरशाद के घर में अवैध मदरसा के संचालन की सूचना पर रविवार शाम पुलभट्टा एसओ कमलेश भट्ट ने टीम के साथ दबिश दी। दरवाजा खटखटाने पर मदरसा संचालिका खातून बेगम ने दरवाजा खोला तो पुलिस ने तलाशी ली। वहां से 22 लड़कियां व दो लड़कों को मुक्त कराया गया।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Tue, 17 Oct 2023 06:45 AM (IST)
Hero Image
अवैध मदरसे से 24 बच्चे कराए गए मुक्त, संचालिका गिरफ्तार (प्रतीकात्मक फोटो)

जागरण संवाददाता, ऊधमसिंह नगर। उत्तराखंड पुलिस ने किच्छा में अवैध रूप से संचालित मदरसे से 24 बच्चों को मुक्त कराया है। मदरसा संचालिका को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, लेकिन उसका पति इरशाद फरार हो गया। चाइल्ड हेल्पलाइन और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की टीम की ओर से बच्चों की काउंसलिंग में उनके मानसिक व शारीरिक शोषण की बात भी सामने आई।

परिजनों के सुपुर्द किया गया

मदरसे में पढ़ने वाले पांच से 17 वर्ष की आयु वाले बच्चे सिरोली कलां, पीलीभीत व बरेली के हैं। सभी को उनके स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया। एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा के निर्देश पर सोमवार को मदरसा सील कर दिया गया है। सिरोली कलां के वार्ड 18 में बाबू गोटिया चार बीघा क्षेत्र में इरशाद के घर में अवैध मदरसा के संचालन की सूचना पर रविवार शाम पुलभट्टा एसओ कमलेश भट्ट ने टीम के साथ दबिश दी।

यह भी पढ़ेंः Weather Update: पर्वतीय राज्यों में बर्फबारी, मैदानी इलाकों में वर्षा; उत्तराखंड-हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में लुढ़का पारा

दरवाजा खटखटाने पर मदरसा संचालिका खातून बेगम ने दरवाजा खोला तो पुलिस ने तलाशी ली। वहां से 22 लड़कियां व दो लड़कों को मुक्त कराया गया। पुलिस की सूचना पर चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्य व अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी चंद्रप्रकाश रावत मौके पर पहुंचे। एसओ ने बताया मदरसा संचालिका खातून बेगम व उसके पति इरशाद के विरुद्ध बाल न्याय अधिनियम, विद्युत अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

बच्चों को दिखाया गया सरकारी नौकरी का लालच

उत्तराखंड के किच्छा में बंधक बनाए गए बच्चों की काउंसलिंग के दौरान सामने आया कि आबिद और कामिल की डिग्री दिलवाकर उन्हें सरकारी नौकरी का लालच दिया गया था। बरेली जनपद के नौ, पीलीभीत के दो और ऊधमसिंहनगर के सिरोली कलां के 13 बच्चे यहां तालीम ले रहे थे।

बंद कमरे से जब बच्चों को बाहर निकाला गया तो वे दहशत में दिखे। बाल कल्याण समिति की टीम को काउंसलिंग के दौरान पता लगा कि मदरसे में बच्चों से बंधुआ मजदूरों की तरह काम करवाया जाता था। इतना ही नहीं मदरसे में मजहबी शिक्षा के साथ ही धार्मिक कट्टरता के लिए प्रेरित करने के साक्ष्य भी पुलिस को मिले हैं। पुिलस का कहना है कि दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर