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Uttarakhand: आर्थिक तंगी से परेशान पति बना हैवान, हत्या-लूट-दुष्कर्म को दिया अंजाम; पत्‍नी के सिम ने पहुंचाया सलाखों के पीछे

Uttarakhand Crime कोलकाता में चिकित्सक संग दुष्कर्म और हत्या का मामला अभी गर्म ही है कि ऊधम सिंह नगर में भी नर्स के साथ बरेली निवासी युवक ने पहले उसकी रेकी की। पूछताछ के दौरान पता चला है कि आर्थिक तंगी के चलते उसने दुष्कर्म हत्या व लूट की वारदात को अंजाम दिया। आरोपित के विवाह को सात वर्ष हुए हैं और उसकी एक बेटी है।

By brijesh pandey Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 15 Aug 2024 01:12 PM (IST)
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Uttarakhand Crime: पुलिस टीम ने आरोपित को धर दबोचा।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर । Uttarakhand Crime: कोलकाता में चिकित्सक संग दुष्कर्म और हत्या का मामला अभी गर्म ही है कि ऊधम सिंह नगर में भी नर्स के साथ बरेली निवासी युवक ने पहले उसकी रेकी की। फिर निर्जन स्थान पर अकेला पाकर उसका मुंह दबाकर मारपीटकर अचेत कर दिया। दुष्कर्म करने के बाद स्काफ से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।

पूछताछ के दौरान पता चला है कि आरोपित के विवाह को सात वर्ष हुए हैं और उसकी एक बेटी है। आर्थिक तंगी के चलते उसने दुष्कर्म, हत्या व लूट की वारदात को अंजाम दिया। वसुंधरा कालोनी, डिबडिबा, बिलासपुर निवासी कुमारी साहिबा पुत्री नफीस अहमद ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसकी 33 वर्षीय बहन तस्लीम जहां 30 जुलाई को घर आते वक्त लापता हो गई।

पुलिस ने मामले में 31 जुलाई को गुमशुदगी दर्ज की ओर मामले की छानबीन उप निरीक्षक चंदन सिंह बिष्ट को सौंपी गई। इधर, आठ अगस्त को तस्लीम जहां का शव वसुंधरा कालोनी डिबडिबा क्षेत्र में सड़ी-गली अवस्था में मिला। स्वजन ने बताया कि तस्लीम के पास दो मोबाइल फोन, पर्स और कैश भी थे।

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पुलिस ने धरपकड़ के लिए टीम लगा दी

पुलिस टीम ने उसके मोबाइल का इएमआइ नंबर सर्विलांस पर लगाया। जिसके बाद अगले ही दिन फोन की लोकेशन बरेली मिली। उसमें प्रयोग किए गए सिम के आधार पर पुलिस ने पता निकलवाया और बरेली पहुंची। जहां से पता चला कि उक्त फोन खुशबू पत्नी धर्मेंद्र निवासी तुरसापट्टी थाना शाही जिला बरेली चला रही है। पूछताछ में यह भी प्रकाश में आया कि उसका पति धर्मेंद्र वह सिम प्रयोग करता है। दोनों मौके से फरार मिले। जिसके बाद पुलिस ने धरपकड़ के लिए टीम लगा दी।

जांच-पड़ताल में उसकी लोकेशन जोधपुर मिली। पुलिस टीम ने उसे मंगलवार को धर दबोचा। पूछताछ के दौरान धर्मेंद्र पुत्र पूरन लाल बताया कि वह पिछले पांच छह दिनों से जाफरपुर के एक गेहूं फैक्ट्री में काम कर रहा था। 30 जुलाई को उसे सुनसान अंधेरे में जाते अकेली महिला दिखी। जिसके बाद उसने अपना बैग एक खाली स्थान पर रखा और महिला को पकड़कर उसका मुंह दबाते हुए झाड़ियों में ले गया। लूट के इरादे से उसे ले गया और महिला के शोर और संघर्ष करने पर उसने गले के स्टाल से उसका गला घोंट दिया।

उसके पर्स से करीब तीन हजार रुपये, दो मोबाइल फोन ले लिया। इसके साथ ही उसके साथ दुष्कर्म किया। लड़की की पहचान न हो सके इसके लिए उसने पत्थर से सिर कूच दिया और फरार हो गया। बरेली पहुंचकर तस्लीम जहां के फोन में अपना सिम डालकर दूसरे दिन चालू किया, लेकिन भनक लगने पर फरार हो गया था। पांच साल जोधपुर में कर चुका था काम धर्मेंद्र पूर्व में पांच वर्ष लकड़ी आदि का काम जोधपुर राजस्थान में कर चुका था। इसलिए घटना को अंजाम देने के बाद पत्नी को घुमाने के बहाने लेकर जोधपुर पहुंच गया और जहां रहता था, वही मकान किराए पर ले लिया था।

उसका विवाह भी जोधपुर में हुआ था। रुपये खोजने में बिगड़ी नियत धर्मेंद्र परिवार का खर्च चलाने के लिए मजदूरी करता है। आर्थिक तंगी के चलते उसने बड़ी वारदात को अंजाम दिया। घटना के दिन भी वह महिला के कपड़ों में रुपये खोजने का प्रयास किया और नियत बिगड़ने पर दुष्कर्म की घटना को भी अंजाम दे दिया। पुलिस टीम को दो हजार का इनाम तस्लीम हत्याकांड में कुल 12 पुलिसकर्मियों की टीम लगी हुई थी। जिसमें निरीक्षक मनोहर सिंह दसौनी, एसओजी प्रभारी संजय पाठक, एसएसआई अशोक कुमार, एसआई चंदन सिंह बिष्ट, कांस्टेबल महेंद्र सिंह, सतीष चंद्र, भूपेंद्र सिंह, राजेंद्र कष्यप आदि शामिल थे।

टीम को एसएसपी मंजूनाथ ने दो हजार रुपये नगद पुरस्कार से सम्मानित किया। माल की बरामदी नहीं पुलिस ने भले ही हत्या के आरोपित को उसके पहनावे और मोबाइल फोन की बदौलत गिरफ्तार किया हो, लेकिन लूटे गए रुपये, मोबाइल फोन आदि अब तक बरामद नहीं हो सके हैं। इसके लिए पीसीआर लेकर उसकी निशानदेही पर खोजबीन होगी।

पत्नी के नाम से लिए सिम से पुलिस की गिरफ्त में आया धर्मेंद्र

धर्मेंद्र ने महज एक घंटे से भी कम समय में वारदात को अंजाम देकर पैदल आटो स्टैंड रुद्रपुर पहुंचा और बरेली रवाना हो गया। बरेली पहुंचने से पहले ही आरोपित ने लूटे हुए मोबाइल में सिम डाला और अगले ही दिन आन करने पर उसकी लोकेशन और हत्यारे का पता चल गया। काशीपुर रोड स्थित डिबडिबा के पास वारदात के दिन आरोपित ने अपना बैग पूर्व में उसी रास्ते पर आगे एक खाली जगह, जहां फ्लैट बन रहे हैं वहां रखकर आ गया था। वारदात के बाद बैग लेकर बरेली पहुंचा।

बरेली पहुंचकर महिला से लूटे गये मोबाइल में अपना सिम डालकर निकाल दिया। दूसरे दिन फिर अपने नंबर 9548805664 का सिम डाला और निकाल दिया। जिसके बाद अज्ञात नंबर से पुलिस ने फोन कर पूछताछ करने लगी। जिसपर वह भय से फोन बंद कर दिया और एक दो दिन बाद कुछ पुलिस वालों के पूछताछ के लिए घर के आसपास आने के जानकारी होने पर पत्नी संग फरार हो गया।

धर्मेंद्र जिस सिम का प्रयोग करता था, वह उसकी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड था। जिसके चलते जब लूटे गए फोन का आइएमईआइ नंबर सर्विलांस पर लगाया गया तो आरोपित के अपना नंबर डालते ही उसका पूरा विवरण पुलिस को पता चल गया। जिसमें खुशबू पत्नी धर्मेंद्र, निवासी बरेली प्रदर्शित हुआ। इतना ही नहीं पुलिस ने सीडीआर के माध्यम से यह भी निकाला कि आन किया गया नंबर पूर्व में किस लोकेशन पर चल रहा था, जिसके बाद पुलिस का शक यकीन में बदल गया।

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