उत्तरकाशी में प्रशासन का आधा-अधूरा काम बन रहा फजीहत, 24 घंटे जाम में फंसे रहे नौ हजार से अधिक तीर्थयात्री
यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा व्यवस्था कपाट खुलने के तीसरे दिन भी पटरी पर नहीं आ सकी। दोनों धाम जाने वाले नौ हजार से अधिक श्रद्धालु उत्तरकाशी में बड़कोट से जानकीचट्टी के बीच 24 घंटे तक जाम में फंसे रहे। श्रद्धालुओं को पूरी रात अपने वाहनों में या खुले आसमान के नीचे गुजारनी पड़ी। अधिकांश श्रद्धालुओं के पास भूख मिटाने के लिए बिस्किट-पानी को छोड़कर कोई अन्य विकल्प नहीं...
शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा व्यवस्था कपाट खुलने के तीसरे दिन भी पटरी पर नहीं आ सकी। दोनों धाम जाने वाले नौ हजार से अधिक श्रद्धालु उत्तरकाशी में बड़कोट से जानकीचट्टी के बीच 24 घंटे तक जाम में फंसे रहे। श्रद्धालुओं को पूरी रात अपने वाहनों में या खुले आसमान के नीचे गुजारनी पड़ी।
अधिकांश श्रद्धालुओं के पास भूख मिटाने के लिए बिस्किट और पानी को छोड़कर कोई अन्य विकल्प नहीं था। इस अव्यवस्था का असर रविवार को देहरादून से लेकर ऋषिकेश और हरिद्वार तक दिखा। इस बीच जाम की स्थिति को देखते हुए सुबह प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं से यात्रा स्थगित करने की अपील की गई। विभिन्न स्थानों और पड़ावों पर श्रद्धालुओं को रोक दिया गया, इसको लेकर उनकी पुलिस से नोकझोंक भी हुई।
यात्रा से पहले प्रशासन का आधा-अधूरा काम बन रहा मुसीबत
उत्तरकाशी में चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले किया गया प्रशासन का आधा-अधूरा होमवर्क तीर्थ यात्रियों के लिए मुसीबत बन गया है। न तो धामों को जाने वाले राजमार्गों का चौड़ीकरण कराया गया और न यमुनोत्री धाम में पैदल यात्रा मार्ग ही दुरुस्त है।पार्किंग सहित अन्य संसाधनों को भी आवश्यकता अनुरूप विकसित नहीं किया गया। इसी का नतीजा रहा कि यात्रा के पहले दिन ही व्यवस्था लड़खड़ा गई। बड़कोट से जानकीचट्टी के बीच शनिवार को पूरा दिन और फिर रात में भी तीर्थयात्री जाम में फंसे रहे।
पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी भी देर रात से लेकर सुबह तक जाम खुलवाने में जुटे रहे। जब हालात नहीं संभले तो रविवार सुबह उत्तरकाशी पुलिस ने तीर्थ यात्रियों से यमुनोत्री धाम की यात्रा एक दिन के लिए स्थगित रखने की अपील की।
बर्नीगाड़ से कुथनौर तक दिनभर जीरो जोन जैसी स्थिति
साथ ही हालात को नियंत्रित करने के लिए यमुनोत्री जाने वाले तीर्थ यात्रियों के वाहनों को हरिद्वार, विकासनगर, बड़कोट, डामटा के पास रोक दिया। जो तीर्थयात्री बर्नीगाड़ तक पहुंच गए थे, उन्हें धारी कफनोल और राडी टाप होते हुए गंगोत्री की ओर भेजा गया। बर्नीगाड़ से कुथनौर तक दिनभर जीरो जोन जैसी स्थिति रही।
इसके बाद यमुनोत्री पैदल मार्ग और जानकीचट्टी में हालात नियंत्रित होते दिखे। वहीं, कुथनौर से पालीगाड़ के बीच पांच हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों को जानकीचट्टी की ओर रवाना होने के लिए सात घंटे इंतजार करना पड़ा।पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि रविवार सुबह करीब नौ हजार तीर्थयात्री जानकीचट्टी व यमुनोत्री धाम पहुंच चुके थे। धाम की क्षमता को देखते हुए तीर्थ यात्रियों को हरिद्वार, ऋषिकेश, विकासनगर, उत्तरकाशी या अन्य किसी पड़ाव पर ही रुकने के लिए कहा गया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।