Uttarakhand News: सावधान! दरक रहे हैं उत्तरकाशी के दो गांव, भू-वैज्ञानिकों ने किया सर्वेक्षण
Uttarakhand News उत्तराकाशी के दो गांव ऐसे हैं जहां भूधंसाव हो रहा है। भटवाड़ी तहसील के मस्ताड़ी एवं कुज्जन गांव में लगातार हो रहे भूधंसाव से लोगों में डर है। अब प्रशासन ने भी इस पर एक्शन लिया है। जिला प्रशासन की ओर से भटवाड़ी तहसील के मस्ताड़ी एवं कुज्जन गांव का भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के भूविज्ञानिकों से सर्वेक्षण कराया गया है।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sun, 30 Jul 2023 11:02 AM (IST)
उत्तरकाशी, जागरण संवाददाता। उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते कई गांवों में भारी तबाही हुई है। किसी गांव की सड़कें ध्वस्त हो गई हैं, तो कईयों के खेत और घर बह गए। पहाड़ों पर कई गांव तो ऐसे हैं, जिनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। जोशीमठ में घरों में पड़ी दरारों ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था, हालांकि अभी भी कई ऐसे गांव हैं जहां भूधंसाव के चलते लोग भय में अपनी रातें काट रहे हैं।
उत्तराकाशी के दो गांव ऐसे हैं जहां भूधंसाव हो रहा है। भटवाड़ी तहसील के मस्ताड़ी एवं कुज्जन गांव में लगातार हो रहे भूधंसाव से लोगों में डर है। अब प्रशासन ने भी इस पर एक्शन लिया है। जिला प्रशासन की ओर से भटवाड़ी तहसील के मस्ताड़ी एवं कुज्जन गांव का भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के भूविज्ञानिकों से सर्वेक्षण कराया गया है। सर्वेक्षण की रिपोर्ट मिलने के बाद इन गांवों की सुरक्षा के संबंध में आगे की कार्यवाही की जाएगी।
टीम ने इन दोनों गावों का सर्वेक्षण
जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने कहा कि मस्ताड़ी एवं कुज्जन गांव में लंबे समय से भूधंसाव होने तथा भूमि के अंदर से पानी का रिसाव होने के कारण गांव के रिहायशी क्षेत्रों में खतरे की आशंका व्यक्त की जा रही थी। जिसे देखते हुए भारतीय भूविज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम ने इन दोनों गावों का सर्वेक्षण किया। भूविज्ञानिक सोनाली गुप्ता एवं वंदना खम्पा ने मस्ताड़ी एवं कुज्जन गांव के प्रारंभिक भूविज्ञानिक सर्वेक्षण तथा भू-तकनीकी सर्वेक्षण किया। परीक्षण के लिए मिट्टी के नमूने एकत्र किए है।रिपोर्ट आने के बाद होगी आगे की कार्रवाई
स्थलीय सर्वेक्षण और मिट्टी के नमूनों के प्रयोगशाला परीक्षण के नतीजों के विश्लेषण कर भारतीय भूविज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेगा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल ने कहा कि उक्त सर्वेक्षण के दौरान राजस्व विभाग के अधिकारी, स्थानीय ग्राम प्रधान एवं अन्य ग्रामीण भी उपस्थित रहे। भारतीय भूविज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट मिलने के बाद प्रशासन की ओर से इन गांवों की सुरक्षा के संबंध में विशेषज्ञों की राय के अनुसार आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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