चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल टूटा, बीआरओ के लिए चुनौती
गंगोत्री हाईवे पर चीन सीमा को जोड़ने वाला गंगोरी पुल टूटा आज टूट गया। हालांकि, किसी जनहानि की सूचना नहीं है।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: उत्तरकाशी से पांच किलोमीटर दूर भारत- चीन सीमा को जोडऩे वाला पुल (बैली ब्रिज) फिर टूट गया है। यह पुल जनवरी में तैयार किया गया था। पुल टूटने से गंगोत्री घाटी के 45 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। इसके अलावा सीमा पर तैनात सेना और आइटीबीपी के जवानों को रसद पहुंचाने में भी दिक्कत आ सकती है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह तकनीकी खामी लग रही है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और प्रशासन की संयुक्त टीम सात दिन में जांच कर रिपोर्ट देगी। देर रात तक बीआरओ की टीम वैकल्पिक मार्ग भी तैयार कर लिया।
असी गंगा नदी पर बना पुल इससे पहले दिसंबर में भी टूट गया था। पांच साल पुराने इस पुल के टूटने का कारण ओवरलोडेड ट्रक गुजरने को बताया गया था। तब बीआरओ ने जनवरी में 57 मीटर लंबा नया पुल तैयार किया। इसकी क्षमता पहले वाले पुल की तरह 18 टन थी। रविवार को करीब सुबह साढ़े दस बजे यह पुल भी टूट गया। जिलाधिकारी के मुताबिक इससे पहले पुल से कोई ट्रक गुजरा था और पुल टूटने के दौरान एक किशोर भी यहां था, जिसने भागकर जान बचाई।
सूचना मिलने पर प्रशासन और बीआरओ के अफसर मौके पर पहुंचे। बीआरओ के कमांडर सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि असी गंगा में जलस्तर कम है, इसलिए पांच बड़े पाइप डालकर नदी से ही वैकल्पिक मार्ग का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि नया पुल मई प्रथम सप्ताह तक बनकर तैयार होगा। बीआरओ के मुख्य अभियंता एएस राठौर ने बताया कि नए पुल की क्षमता बढ़ाकर 30 से 40 टन की जाएगी।
इसके अलावा स्थाई पुल का निर्माण पर भी काम चल रहा है। इसमें करीब दो साल का वक्त लगेगा। दूसरी ओर जिलाधिकारी ने पुल टूटने की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है। कमेटी में पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता और बीआरओ के आफिसर कमांडेंट को शामिल किया गया है।
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