जिला पंचायत के सदस्यों ने सीडीओ को बनाया बंधक
जिला पंचायत के सदस्यों ने बुधवार को बैठक का बहिष्कार कर मुख्य विकास अधिकारी विनित कुमार को उनके ही कार्यालय में बंधक बनाया।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: उत्तरकाशी : सीमांत जनपद में जिले की सरकार (जिला पंचायत) और अधिकारियों के बीच रार बढ़ती जा रही है। बुधवार को जिला पंचायत सदस्यों ने मुख्य विकास अधिकारी को बंधक बना लिया। पुलिस ने हस्तक्षेप कर एक सदस्य की जेब से जबरन चाबी निकालकर मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय का दरवाजा खोला। इस पर सदस्य वहीं पर धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि मुख्य विकास अधिकारी का तबादला होने तक आंदोलन जारी रहेगा। गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर कई सदस्यों के भाजपा से होने के कारण मामले को लेकर शासन में भी हलचल है।
जिला पंचायत की ओर से तय एजेंडे के अनुसार बुधवार को जिला पंचायत की बोर्ड बैठक होनी थी, लेकिन सदस्यों की मांग थी कि जब तक मुख्य विकास अधिकारी का तबादला नहीं हो जाता तब तक वे बोर्ड बैठक का बहिष्कार करेंगे। बुधवार सुबह सदस्यों के मनाने के लिए जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान पंचायत कार्यालय पहुंचे। लेकिन, जिपं सदस्य व अध्यक्ष नारेबाजी करते हुए विकास भवन में सीडीओ कार्यालय में पहुंचे। सदस्यों ने कार्यालय का दरवाजा बंद कर दिया। करीब 20 मिनट तक सीडीओ को कार्यालय में ही बंधक बनाकर रखा और प्रशासन व सीडीओ के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
इसी बीच कोतवाली प्रभारी महादेव उनियाल ने एक सदस्य की जेब चाबी निकाली और सीडीओ का दरवाजा खोला। लेकिन उसके बाद जिपं के सभी सदस्य सीडीओ कार्यालय के दरवाजे के बाहर ही धरने पर बैठ गए। सूचना में जिलाधिकारी सदस्यों को समझाने के लिए पहुंचे। जिलाधिकारी ने सीडीओ और जिपं सदस्यों के बीच समझौता कराने का प्रयास किया। लेकिन, न तो सदस्य धरना स्थल से हटने के लिए तैयार हुए और न सीडीओ समझौता करने को धरना स्थल पर आने को। इसी बीच कुछ महिला सदस्यों ने विकास भवन की छत पर चढऩे की धमकी दी। जिन्हें पुलिस ने रोका।
मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार का कहना है कि उनको बंधक बनाना नियमों के विरुद्ध है। इस मामले में वे जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। यही नहीं दोपहर से उनके कार्यालय के आगे सदस्य बैठे हुए हैं। जिससे वे बाहर नहीं आ पा रहे हैं। उन्होंने जिपं की निविदा प्रक्रिया तथा विधायक निधि के कार्यों की जांच के आदेश दिए हैं। इसी कारण जिपं सदस्य उनके खिलाफ हैं, विधायक निधि का 30 फीसद भुगतान के लिए उन पर जिपं दबाव बना रही है। लेकिन, वे गलत न करेंगे और न गलत होने देंगे।
जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने बताया कि विधायक निधि के कार्यों की जांच को जिपं तैयार है। लेकिन, करीब आठ करोड़ की धनराशि की 666 योजनाओं के प्रांकलन एक ही रात में कैसे तैयार कराए गए इसकी जांच अभी तक नहीं हुई है। इस जांच का अगर खुलासा हो गया तो तस्वीर सबके सामने होगी। पर, संबंधित अधिकारी का इस तरह का मनमाना रवैया लोकतंत्र का मखौल उठाना जैसा है। जब तक सीडीओ का तबादला नहीं हो जाता तब तक जिला पंचायत के सदस्यों का आंदोलन जारी रहेगा। ऐसी स्थिति में जिपं सदस्य कुछ भी कदम उठा सकते हैं।
यह भी पढ़ें: सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली ताकतों का रोकना होगा: प्रीतम सिंह