नए वर्ष के उल्लास के लिए पहुंचे पर्यटकों को झटका! बिना पंजीकरण केदारकांठा गए लोगों का कटा चालान; जान लें नियम
नव वर्ष का जश्न मनाने अपने दोस्तों के साथ केदारकांठा जाने की उत्सुकता में महाराष्ट्र की अंजलि कर्नाटक की अर्चना दूगल एवं नंदन मूलपुरी तीन दिन पहले सांकरी आई है। ये पर्यटक कहते हैं कि बर्फबारी में केदारकांठा का देखने एवं नववर्ष का जश्न मनाने दोस्तों के साथ घर से चलते समय मन में बड़ी उमंग एवं खुशी थी। तीन-चार दिन से सांकरी में ठहरे हुए हैं।
राधेकृष्ण उनियाल, पुरोला। Kedarkantha Trekking: नए वर्ष का उल्लास मनाने के लिए केदारकांठा जाने वाले दो हजार से अधिक पर्यटकों की उम्मीद को गोविंद वन्यजीव पशुविहार राष्ट्रीय पार्क ने झटका दिया है। केदारकांठा जाने के लिए जब पर्यटक नैटवाड़, सांकरी सौड़ पहुंचने लगे तो पार्क को नियमों की याद आई और प्रतिदिन केदारकांठा के लिए पर्यटकों का सीमित पंजीकरण लागू कर दिया है।
सीमित पंजीकरण लागू होने से पर्यटक खासे परेशान हैं साथ ही पर्यटन व्यवसाय चलाने वाले ग्रामीणों को भी आर्थिक नुकसान का झटका लगा है। वहीं शनिवार को कुछ ट्रैकिंग संचालक पर्यटकों को गांव के विभिन्न रास्तों और बिना पंजीकरण के ही केदारकांठा लेकर गए। इन पर्यटकों और एजेंसियों के विरुद्ध पार्क की उपनिदेशक ने चालान काटने के निर्देश दिए है।
केदारकांठा के बेस कैंप गांव सांकरी में 25 से अधिक ट्रैकिंग एजेंसी हैं। गांव के हर घर में होम स्टे है और प्रत्येक परिवार पर्यटन गतिविधि से जुड़ा हुआ है। लेकिन पार्क ने सीमित संख्य में केदारकांठा के लिए पर्यटकों को अनुमति देने का नियम लागू किया तो पय्रटन को बड़ा झटका लगा है।
ट्रैकिंग एजेंसिंयों को होटल, होमस्टे, बस आदि की एडवांस बुकिंग रद्द होने की आशंका है। ट्रैकिंग एजेंसियों को यह डर सताने लगा है। गत शुक्रवार को पार्क ने केवल डेढ़ सौ पर्यटकों को अनुमति दी। पर्यटकों को रोके जाने पर पर्यटकों व ट्रैकिंग संचालकों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। शनिवार को कुछ ट्रैकिंग एजेंसी एजेंसी कि जरिये पर्यटक गांव विभिन्न रास्तों केदारकांठा की ट्रैकिंग पर गए। जबकि कई पर्यटक सांकरी, सौड़ और कोटगांव में होमस्टे में ठहरे हुए हैं।
परेशान हैं ट्रैकिंग एजेंसियां
पार्क प्रशासन के अड़ियल रवैये से हरकीदून, केदारकांठा एवं चांगसील आदि पर्यटक स्थलों के ट्रैकिंग व्यवसाय से जुड़े ग्रामीणों को अब रोजी-रोटी छीनने का डर सताने लगा है। सौड़ गांव की हीरामणि देवीने कहा कि केदारकांठा जाने से पर्यटकों को रोका जा रहा है। जिससे ग्रामीणों के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया। उन्होंने मांग की है कि उनके बच्चे पढ़े लिखे हैं। सरकार नौकरी देने में नाकाम रही है। गांव में पर्यटन का स्वरोजगार कर रहे हैं तो इसे भी छीना जा रहा है।पर्यटन व्यवसायी भगत सिंह रावत ने कहा कि सांकरी स्थित दर्जनों ट्रैकिंग एजेंसी के माध्यम से होटल व होमस्टे, बसों, हवाई जहाज एवं विभिन्न संसाधनों की एडवांस बुकिंग कर नव वर्ष का जश्न मनाने 4-5 दिन से सांकरी भारी संख्या में पर्यटक पहुंचे है। पहले से सब कुछ ठीक चल रहा था, फिर अचानक पार्क प्रशासन का रवैया सख्त हो गया।केदारकांठा जाने को संख्या की बाध्यता को लेकर पार्क प्रशासन को एक दो माह पहले ही ट्रैकिंग एजेंसियों को नोटिस देकर सूचित कर देना चाहिए था। ताकि एजेंसियां पर्यटकों की एडवांस बुकिंग न कराते अथवा सीमित संख्या में कराते। अब जब करोड़ों रुपए खर्च कर भारी संख्या में पर्यटक केदारकांठा जाने को सांकरी में डटे हैं। पार्क प्रशासन नियम कानून व पंजीकरण का नाटक कर क्षेत्र के पर्यटन व्यवसाइयों और पर्यटकों को परेशान करने काम कर रहा है।
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