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Chardham Yatra समापन की ओर, शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट; रिकॉर्ड संख्या में पहुंचे तीर्थयात्री

Chardham Yatra 2024 चारधाम यात्रा 2024 में गंगोत्री धाम के कपाट आज 2 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। इस सीजन में अब तक 8 लाख से अधिक श्रद्धालु गंगोत्री धाम पहुंच चुके हैं। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट 3 नवंबर को बंद होंगे। इस बार चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं।

By Shailendra prasad Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 02 Nov 2024 12:22 PM (IST)
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Chardham Yatra 2024: रिकॉर्ड संख्या में हुआ तीर्थयात्रियों का आगमन। जागरण
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Chardham Yatra 2024: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आज 2 नवंबर को अन्नकूट के पर्व पर दोपहर 12.14 बजे बंद हो गए। जिसके बाद गंगा की डोली मां गंगा के जयकारों के साथ मुखवा के लिए रवाना हुई।

कपाट बंद होने से अब देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे। कपाट खुलने से लेकर बंद होने तक गंगोत्री धाम में इस बार 8.22 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे हैं। जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर 3 नवंबर को दोपहर 12.05 बजे बंद होंगे। जिसके बाद मां यमुना के दर्शन खरसाली में होंगे।

इस सीजन में गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन हो रहा है। इस यात्रा काल में रविवार की शाम तक गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा 15,20000 के करीब पहुंच है। अभी तक यमुनोत्री धााम में 709700 से अधिक और गंगोत्री धाम में 8.22 लाख के करीब तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं। इस बार मई-जून के अलावा 15 सितंबर से लेकर 15 अक्टूबर तक अच्छी यात्रा चली है।

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गंगा घाट पर 5100 दीपक प्रज्वलित किए

कपाट बंद होने से पहले शुक्रवार को गंगोत्री मंदिर का भव्य रूप से सजाया गया है। शुक्रवार को गंगोत्री धाम और गंगा घाट पर 5100 दीपक प्रज्वलित भी किए गए। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने कहा कि गंगोत्री धाम के कपाट शनिवार को अन्नकूट के अवसर पर 12.14 बजे बंद किए गए। जिसके बाद डोली मुखवा के लिए प्रस्थान करेगी। डोली रात्रि निवास चंडेश्वरी देवी मंदिर (मार्कंडेय मंदिर) में निवास करेंगे।

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3 नवंबर को गंगा की डोली मुखवा के लिए पहुंचेगी। यमुनोत्री पंडा पुरोहित सभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने कहा कि 3 नवंबर को भैया दूज के अवसर पर सुबह सात बजे खरसाली से शनि महाराज की डोली यमुनोत्री के लिए रवाना होगी। दोपहर 12.05 बजे यमुनोत्री के कपाट बंद किए जाएंगे, जिसके बाद शनि महाराज के नेतृत्व में मां यमुना की डोली खरसाली पहुंचेगी। कपाट बंद होने तक खरसाली में स्थित यमुना मंदिर में मां यमुना के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे।

तीस दिन कम रहा दोनों धामों का यात्राकाल

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने गत वर्ष की तुलना में इस बार इन दोनों धामों का यात्राकाल तीस दिन कम रहा है। परंतु इस बार यमुनोत्री व गंगोत्री धाम में रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ है। दोनों धामों में एक दिन की औसत संख्या 8781 रही। जबकि गत वर्ष इन दोनों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की औसत दैनिक संख्या 7907 रही।

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