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Chardham Yatra: सीएम की सख्ती पर कुछ सुधरे हालात, 12 से 15 घंटे के बजाय 5 पांच घंटे में उत्तरकाशी से गंगोत्री पहुंच पा रहे श्रद्धालु

पूर्व में तीर्थ यात्रियों को उत्तरकाशी से गंगोत्री पहुंचने में जहां 12 से 15 और बड़कोट से जानकीचट्टी (यमुनोत्री) पहुंचने में 10 से 12 घंटे लग रहे थे। अब यह सफर चार से पांच घंटे में पूरा हो रहा है। उत्तरकाशी से गंगोत्री की दूरी 105 किमी जबकि बड़कोट से जानकीचट्टी की दूरी लगभग 55 किमी है। सामान्य दिनों में यह दूरी तय करने में दो घंटे लगते हैं।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Mon, 20 May 2024 01:20 PM (IST)
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व्यवस्था में कुछ सुधार हुआ तो उत्तरकाशी में स्थित गंगोत्री धाम में दर्शन के लिए उमड़ पड़े तीर्थ यात्रीl जागरण
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। चारधाम यात्रा व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्ती और निरंतर निगरानी के बाद उत्तरकाशी में पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर है। रविवार को गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा पर इसका सकारात्मक असर देखने को मिला और दोनों धाम को जोड़ने वाले राजमार्गों पर यातायात व्यवस्था कुछ हद तक पटरी पर लौट आई।

पूर्व में तीर्थ यात्रियों को उत्तरकाशी से गंगोत्री पहुंचने में जहां 12 से 15 और बड़कोट से जानकीचट्टी (यमुनोत्री) पहुंचने में 10 से 12 घंटे लग रहे थे। अब यह सफर चार से पांच घंटे में पूरा हो रहा है। उत्तरकाशी से गंगोत्री की दूरी 105 किमी, जबकि बड़कोट से जानकीचट्टी की दूरी लगभग 55 किमी है। सामान्य दिनों में वाहन से यह दूरी तय करने में अधिकतम तीन और दो घंटे लगते हैं।

बिना पंजीकरण आ रहे तीर्थ यात्रियों को ऋषिकेश और हरिद्वार में रोके जाने से भी यात्रा मार्गों पर दबाव कम हुआ है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री के मोर्चा संभालने के बाद यातायात व्यवस्था सुचारु करने के लिए आइजी अरुण मोहन जोशी शनिवार को दोनों धाम पहुंचे।

वहीं, गंगोत्री क्षेत्र में व्यवस्था की निगरानी के लिए उप जिलाधिकारी बृजेश कुमार तिवारी को भेजा गया है। जबकि, उप जिलाधिकारी बड़कोट मुकेश चंद रमोला और उप जिलाधिकारी डुंडा नवाजिश खलीक जानकीचट्टी में डेरा डाले हैं।

साथ ही दोनों राजमार्गों पर जहां वन-वे गेट सिस्टम लागू है, वहां वाहनों के ठहराव को कम करने की कवायद भी शुरू हो गई है। यमुनोत्री राजमार्ग पर अब खरादी, पालीगाड और जानकीचट्टी में ही वन-वे गेट सिस्टम लागू है।

रविवार को सुबह से दोपहर तक यमुनोत्री जाने वाले तीर्थ यात्रियों को खरादी और पालीगाड में करीब एक-एक घंटा ही रोका गया। खरादी में तीर्थ यात्रियों के लिए नागरिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। हालांकि, यमुनोत्री पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं की भीड़ बरकरार है। मार्ग बेहद संकरा होने से यहां अभी भी जाम की स्थिति बन रही है। गंगोत्री राजमार्ग पर भी जाम और वन-वे गेट सिस्टम के तहत लंबे इंतजार की समस्या कुछ हद तक दूर हो गई है।

सुबह के समय तीर्थ यात्रियों को हिना पंजीकरण जांच केंद्र पर करीब 30 मिनट ही रुकना पड़ रहा है। रविवार सुबह चार बजे से दोपहर दो बजे तक गंगोत्री धाम में 1,100 से अधिक वाहनों में करीब 10,000 और यमुनोत्री धाम के अंतिम सड़क पड़ाव जानकीचट्टी व खरसाली में 800 से अधिक वाहनों में 8,500 से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके थे।

रात नौ बजे के बाद वाहनों का संचालन सही नहीं: सेमवाल

तीर्थ यात्रियों की भीड़ को देखते हुए गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में रात में भी यातायात का संचालन करना पड़ रहा है। इसको लेकर गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने चिंता जताई है। तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत उन्होंने पर्वतीय मार्गों पर रात नौ बजे के बाद यातायात का संचालन नहीं किए जाने का सुझाव दिया है। शनिवार को आइजी अरुण मोहन जोशी गंगोत्री धाम पहुंचे थे। उनसे भेंट के दौरान गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव ने कहा कि देर रात धाम पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों को ठहरने और भोजन के लिए असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

इसके अलावा रात में सफर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी खतरे में है। उन्होंने आइजी को सुझाव दिया कि रात नौ बजे के बाद यातायात संचालित न किया जाए। पहाड़ के विषम भूगोल में रात में यातायात संचालन सही भी नहीं है। साथ ही कहा कि नौ बजे के करीब तीर्थयात्री जिस कस्बे में पहुंचें, उन्हें वहीं ठहराया जाए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रात 12 बजे तक तीर्थ यात्रियों को दर्शन करवाने पड़ रहे हैं। जिला प्रशासन और सरकार को इसका शीघ्र संज्ञान लेना चाहिए।

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