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केवीके चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी की 18वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक, 'श्री अन्न' को बढ़ावा देने पर जोर

कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी की 18वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान के कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी में ऑनलाइन माध्यम से आयोजित हुई। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा के निदेशक डा. लक्ष्मीकान्त ने बैठक का नेतृत्त्व किया। उन्होंने कहा कि श्री अन्न यानी मोटे अनाज के बीज को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाएं।

By Shailendra prasadEdited By: riya.pandeyUpdated: Wed, 12 Jul 2023 04:37 PM (IST)
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चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी की 18वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी की 18वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान के कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी में ऑनलाइन माध्यम से आयोजित हुई।

अधिक किसानों तक पहुंचाएं जाये 'श्री अन्न'

बैठक की अगुवाई करते हुए विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा के निदेशक डा. लक्ष्मीकान्त ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़ अधिक से अधिक बीज एवं पौध उत्पादन करें, वर्षा जल टैक में पिचिंग कार्य करें, श्री अन्न यानी मोटे अनाज के बीज को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाएं।

केसर व स्ट्रॉबेरी की खेती अपनाने पर दिया गया जोर

कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़ के प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. सीएस राघव ने कहा कि जिले के कृषक नई तकनीकी के जरिए कैसे अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। जिले में केसर व स्ट्रॉबेरी की खेती को अपनाने पर भी बल दिया गया। सेब की फसल में बिटर पिट रोग, जड़ सड़न रोग की समस्या से निदान के लिए किए जा रहे ट्रायल के विषय में भी जानकारी उपलब्ध कराई गई।

जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड गुरविंदर सिंह पाहुजा ने कृषि विज्ञान केंद्र को गढ़वाल क्षेत्र का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। बैठक में महिला कृषक स्वतंत्री बंधानी ने कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से नौगांव क्षेत्र में लगाई गई प्रदर्शनियों से क्षेत्र में मटर, भिन्डी व मसूर जैसी फसलों का उत्पादन बढ़ा है।

इस मौके पर आइआइएसडब्ल्यूसी देहरादून के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बांके बिहारी, अटारी लुधियाना की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. प्रीती ममगाईं, डॉ पंकज नौटियाल, नीरज जोशी, सचिन पंवार आदि मौजूद थे।

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