Move to Jagran APP

सिलक्यारा सुरंग के पहले कंट्रोल रूम का निर्माण शुरू, यही से नियंत्रित होगा टनल में यातायात; काम पूरा होने में लगेंगे दो साल

Silkyara Tunnel सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर 2023 को भूस्खलन हुआ था जिसमें सुरंग के अंदर 41 श्रमिक फंस गए थे। जिन्हें 17 दिनों तक चले रेस्क्यू अभियान के बाद निकाला जा सका। इस घटना के घटित होते ही 12 नवंबर 2023 की सुबह सुरंग निर्माण ठप हो गया था। 23 जनवरी को परिवहन मंत्रालय स्तर से सुरक्षा के साथ काम करने की अनुमति दी गई।

By Shailendra prasad Edited By: riya.pandey Updated: Thu, 08 Feb 2024 03:52 PM (IST)
Hero Image
सिलक्यारा सुरंग के पहले कंट्रोल रूम का निर्माण शुरू
शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। Silkyara Tunnel: चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग का निर्माण चल रहा है। सुरंग के निर्माण की गति अभी कम है। परंतु, निर्माण पूरी तरह से सुरक्षा मानकों के अनुरूप रूप किया जा रहा है। सुरंग के अंदर और सुरंग के बाहर अभी काफी कार्य होने बाकी है।

सिलक्यारा की ओर से दो कंट्रोल रूम बनाए जाने हैं। एक कंट्रोल रूम का काम शुरू हो चुका जबकि दूसरे कंट्रोल रूम का कार्य वन विभाग की ओर से पेड़ों के पातन की स्वीकृति न मिलने से रूका है। जिस स्थान पर दूसरा कंट्रोल रूम बनाया जाना है, उस क्षेत्र में 50 से अधिक चीड़ के पेड़ हैं। इसलिए सिलक्यारा सुरंग का निर्माण पूरा होने और संचालित होने में 2026 तक का समय लग सकता है।

पिछले साल 12 नवंबर को हुआ था भूस्खलन

सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर 2023 को भूस्खलन हुआ था, जिसमें सुरंग के अंदर 41 श्रमिक फंस गए थे। जिन्हें 17 दिनों तक चले रेस्क्यू अभियान के बाद निकाला जा सका। इस घटना के घटित होते ही 12 नवंबर 2023 की सुबह सुरंग निर्माण ठप हो गया था। 4.531 किलोमीटर लंबी सिलक्यारा सुरंग में करीब 480 मीटर के करीब खुदाई शेष है।

23 जनवरी को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय स्तर से सुरक्षा के साथ काम करने की अनुमति दी गई। सुरंग की खुदाई के कार्य को छोड़कर अभी अन्य निर्माण चल रहा है। सुरंग के बाहर बनने वाले दो कंट्रोल रूम भी खास होंगे।

एनएचआइडीसीएल के परियोजना प्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल कहते हैं कि सुरंग में आने और जाने के लिए अलग-अलग लेन होंगी जिससे टनल की सेंटर वॉल (डिवाइडर वॉल) दो हिस्सों में बांटेगी।

सिलक्यारा के पास दो जगहों पर तैयार हो रहे कंट्रोल रूम

एकीकृत नियंत्रण प्रणाली के तहत सुरंग के अंदर की गतिविधि के स्वचालन में सहायता मिलेगी। इसमें सांख्यिकीय डेटा का रखरखाव, संग्रह और विश्लेषण, आपातकालीन सेंसर, वायु गुणवत्ता और वेंटिलेशन सिस्टम का संचालन कंट्रोल रूम से होगा। सिलक्यारा के पास दो स्थानों में कंट्रोल रूम तैयार किए जा रहे हैं।

एक कंट्रोल सिलक्यारा सुरंग की दायीं होर और दूसरा कंट्रोल रूप बायीं ओर होगा। दायीं ओर वाला कंट्रोल रूप का काम शुरू हो गया है। जबकि जो बायीं ओर है उसका निर्माण पेड़ों के पातन की अनुमति मिलने के बाद शुरू होगा। उम्मीद है जल्द ही अनुमति मिल जाएगी। इसके साथ ही सिलक्यारा में एनएचआइडीसीएल का भी कार्यालय होगा। सुरंग के मुहाने को जोड़ने के लिए पुल निर्माण, सिलक्यारा बैंड से सुरंग तक करीब पांच सौ मीटर एप्रोच सड़क का निर्माण भी होना शेष है।

कंट्रोल रूम से ही होगा सुरंग का संचालन

कर्नल दीपक पाटिल कहते हैं कि सुरंग तैयार होने कंट्रोल रूप से ही सुरंग का संचालन होगा। आगजनी की स्थिति में सुरंग के भीतर स्वत: पानी की बौछार होने लगेगी और पंखे बंद हो जाएंगे। इसकी सूचना वाहन चालकों को भी एफएम के जरिये दी जाएगी। सुरंग के अंदर सुरक्षित ड्राइविंग के लिए स्वचालित प्रकाश नियंत्रण प्रणाली भी होगी।

कर्नल दीपक पाटिल कहते हैं कि सुरंग निर्माण में अभी दो वर्ष का समय लग सकता है लेकिन, साढ़े चार किलोमीटर लंबी इस सुरंग में पैदल आवाजाही नहीं होगी। पहला कारण यह है कि यह कभी लंबी सुरंग है। दूसरा कारण यह है कि सुरंग के अंदर वाहनों की रफ्तार काफी तेज होगी।

यह भी पढ़ें:  

Silkyara Tunnel: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फिर शुरू होने जा रहा निर्माण कार्य, ग्रामीणों में खुशी की लहर

Silkyara Tunnel Collapse की प्रारंभिक रिपोर्ट आई सामने, सुरक्षा उपायों की थी कमी; NHIDCL ने भी नहीं दी थी काम की मंजूरी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।