सत्ता में आए तो रद होगा देवस्थानम एक्ट : प्रीतम सिंह
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि यदि पार्टी सत्ता में आई तो उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन कानून को रद कर दिया जाएगा।
By Edited By: Updated: Sun, 19 Jan 2020 08:16 PM (IST)
उत्तरकाशी, जेएनएन। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन कानून का विरोध कर रही कांग्रेस ने एलान किया है कि यदि पार्टी सत्ता में आई तो इस कानून को रद कर दिया जाएगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि यह कानून तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों पर चोट है। उन्होंने प्रदेश सरकार के तीन साल के कार्यकाल को निराशाजनक बताते हुए कहा कि फरवरी से पार्टी सभी विधानसभा क्षेत्रों में सभाओं और धरना-प्रदर्शन का आयोजन करेगी।
उत्तरकाशी स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम में मीडिया से बातचीत में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि डबल इंजन की सरकार महंगाई और बेरोजगारी से जनता का ध्यान भटकाने का काम कर रही है। कहा कि जिस ऑलवेदर रोड का नाम भाजपा ले रही है वो भी यूपीए सरकार की देन है। कहा कि इसीलिए इसलिए जहां भी ऑल वेदर के तहत कार्य चल रहा है, वहां बोर्ड चारधाम परियोजना के लगे हुए हैं, न कि ऑलवेदर के।
पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने कहा कि जिले में हुई भारी बर्फबारी के कारण बिजली, पानी, सड़क, संचार की व्यवस्था ठप हुई, लेकिन सरकारी तंत्र कुछ नहीं कर रहा है। इस मौके पर पुरोला विधायक राजकुमार, नगर पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष जगमोहन रावत, महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष प्रभावती गौड़, ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजय डोभाल, बडकोट नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अतोल रावत, घनानंद नौटियाल, कमल सिंह रावत, दिनेश गौड़, भूपेश कुडियाल आदि मौजूद थे।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समर्थन में 20 को धरने पर बैठेंगे हरदामानदेय में बढ़ोतरी समेत विभिन्न मांगों को लेकर चल रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के आंदोलन के प्रति पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने समर्थन जताया है। 20 जनवरी को रावत उनके धरने में भी शिरकत करेंगे।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं लंबे से आंदोलित हैं और देहरादून में निरंतर धरना-प्रदर्शन कर रही हैं। अब उनके आंदोलन को हरदा ने भी समर्थन देने का एलान किया है। पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने सोशल मीडिया में अपनी पोस्ट में लिखा-'महिला सशक्तीकरण में इन समूहों की जबर्दस्त भूमिका रही है और आगे भी रहेगी। काम का बोझ इन पर बहुत लाद दिया गया है, उसके एवज में इनको भुगतान नहीं हो रहा है।'
यह भी पढ़ें: सरकार की अदूरदर्शी नीति से खड़ा होगा रोजगार का संकटपूर्व मुख्यमंत्री ने पोस्ट में लिखा है-'मैं असोम के लिए रवाना हो रहा था, जब यहां के समाचार पत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के संघर्ष की गाथा पढ़ी तो मुझे लगा कि नहीं, मुझे इनके साथ खड़ा होना चाहिए।' साथ ही उन्होंने जानकारी दी है कि वह 20 जनवरी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के समर्थन में उनके धरने पर शिरकत करेंगे।
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