उत्तरकाशी हादसा: सिलक्यारा में एस्केप टनल देगी 40 मजदूरों को जिंदगी, जल्द सुरक्षित बाहर निकालने की उम्मीद; युद्ध स्तर पर बचाव कार्य जारी
Uttarkashi Tunnel Accident Update ऑलवेदर परियोजना के तहत सिलक्यारा पोल गांव सुरंग में पिछले तीन दिनों से 40 श्रमिकों की जिंदगी कैद है। श्रमिकों को सकुशल निकालने को लेकर खोज बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। ऑगर ड्रिलिंग मशीन स्थापित की गई है जिसके जरिये भूस्खलन के मलबे के बीच 900 एमएम व्यास के स्टील पाइप बिछाने का कार्य गतिमान है।
By Shailendra prasadEdited By: riya.pandeyUpdated: Tue, 14 Nov 2023 06:09 PM (IST)
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Uttarkashi Tunnel Accident Update: ऑलवेदर परियोजना के तहत सिलक्यारा पोल गांव सुरंग में पिछले तीन दिनों से 40 श्रमिकों की जिंदगी कैद है। श्रमिकों को सकुशल निकालने को लेकर खोज बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
ऑगर ड्रिलिंग मशीन स्थापित की गई है जिसके जरिये भूस्खलन के मलबे के बीच 900 एमएम व्यास के स्टील पाइप बिछाने का कार्य गतिमान है। बुधवार सुबह तक 40 श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू की उम्मीद है। जिस तरह से खोज बचाव के कार्य में समय लग रहा है, उसी तरह श्रमिकों के स्वजन की चिंताएं भी बढ़ रही हैं।
आसपास के क्षेत्र सील
एनएचआइडीसीएल के पूर्व महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल को रेस्क्यू कार्य का जिम्मा सौंपा गया है। मंगलवार की सुबह सिलक्यारा पहुंचते ही कर्नल दीपक पाटिल ने सुरंग के आसपास के क्षेत्र को सील करवाया जिससे खोज बचाव कार्य में बेवजह की बाधाएं उत्पन्न न हो।ड्रिलिंग मशीन से प्लेटफार्म बनाने का कार्य शुरू
बीते सोमवार को वीआइपी मूवमेंट के कारण खोज बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न हुई थी। सोमवार की रात को सिलक्यारा सुरंग से भूस्खलन के मलबे को हटाने का कार्य रोका गया। वह इसलिए कि जितना मलबा खोज बचाव टीम हटा रही थी उतना ही मलबा सुरंग की कैविटी से गिर रहा था जिससे सुरंग की सुरक्षा को और अधिक खतरा बना रहा है। सोमवार देर रात खोज बचाव टीम ने मलबा हटाने का कार्य रोका और ऑगर ड्रिलिंग मशीन के लिए प्लेटफार्म बनाना शुरू किया।
देर शाम तक चला मशीन स्थापित करने का कार्य
देहरादून से ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगलवार सुबह साढ़े चार बजे सिलक्यारा पहुंची। इस मशीन को स्थापित करने के लिए सुरंग रेल की पटरी की तरह एक प्लेटफार्म बनाया गया है। 21 मीटर लंबा प्लेटफार्म बनाने और मशीन को स्थापित करने का कार्य मंगलवार की शाम तक चला।उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने बताया कि श्रमिकों को निकालने के लिए भूस्खलन के मलबे में जिन स्टील के पाइपों को डाला जाना है। उन पाइपों को हरिद्वार और गाजियाबाद से मंगवाया गया। नौ सौ एमएम व्यास के आठ पाइप, आठ सौ एमएम के 11 पाइप मंगलवार दोपहर तक सिलक्यारा पहुंचाए गए। जिन्हें सुरंग के अंदर कार्य स्थल के निकट ही रखा गया है। नौ सौ एमएम के पाइप की लंबाई छह मीटर और आठ सौ एमएम के पाइप की लंबाई 30 मीटर है।
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