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Uttarkashi News: सिलक्यारा सुरंग की कैविटी की फीलिंग करना चुनौती, लगातार कार्य करने पर लग सकता है 90 दिन का समय

Uttarkashi Tunnel Collapse सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए 17 दिनों तक दिन रात खोज बचाव अभियान चला। तब जाकर श्रमिकों की जान बच सकी। परंतु सुरंग में जिस कैविटी के भूस्खलन से यह घटना घटित हुई। उस कैविटी की फिलिंग करना सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य है। विशेषज्ञों के अनुसार दिन-रात अगर केवल कैविटी भरने का कार्य होगा तब...

By Shailendra prasadEdited By: riya.pandeyUpdated: Sat, 02 Dec 2023 05:27 PM (IST)
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किसी परियोजना से काम नहीं है कैविटी का उपचार

शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। Uttarkashi Tunnel Collapse: सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए 17 दिनों तक दिन रात खोज बचाव अभियान चला। तब जाकर श्रमिकों की जान बच सकी परंतु सुरंग में जिस कैविटी के भूस्खलन से यह घटना घटित हुई। उस कैविटी की फिलिंग करना सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य है।

विशेषज्ञों के अनुसार, दिन रात अगर केवल कैविटी भरने का कार्य होगा तब 90 दिन में कैविटी को भरा जा सकता है। अगर भूगर्भीय चुनौतियों के तहत कैविटी का दायरा बढ़ा तो इससे पार पाने में और अधिक समय लग सकता है। खुद निर्माण कंपनी कैविटी की फिलिंग को एक चुनौती की तरह मान रही है। कैविटी भरने का कार्य कब शुरू होगा इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।

पीएमओ की दखल के बाद अभियान में आई तेजी

सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर की सुबह कैविटी खुलने से हुए भूस्खलन की घटना ने पूरे देश की ध्यान अपनी ओर खींचा। करीब 17 दिनों सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चला। पीएमओ की दखल के बाद अभियान में तेजी आई। तब जाकर सुरंग के अंदर

फंसे श्रमिकों को बाहर निकाला जा सका। परंतु जिस कैविटी के भूस्खलन के कारण खोज बचाव में इतना लंबा समय लगा, उस कैविटी को भरने और भूस्खलन के मलबे को हटाने में काफी अधिक समय लगेगा।

60 मीटर क्षेत्र में फैला है कैविटी का मलबा

सुरंग निर्माण के विशेषज्ञ आलोक अग्रवाल कहते हैं कि जो उनके संज्ञान में आया है कि जिस जगह कैविटी खुली है वहां री-प्रोफाइलिंग (सुरंग के कमजोर हिस्से के उपचार की प्रक्रिया) चल रही थी। कैविटी का मलबा भी 60 मीटर क्षेत्र में फैला है। इसलिए इस कैविटी को भरने में तीन माह से अधिक का समय लग सकता है। इसमें ग्राउंटिंग, गार्डर लगाने के साथ फिर लाइनिंग करने का कार्य होगा जो ग्राउंटिंग का कार्य होगा वह एक ही दिन में नहीं हो सकता। उसके लिए एक निरंतर प्रक्रिया होगी, जिसमें सुरक्षा के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ना होगा। जिसके बाद सुरंग का वह पूरा हिस्सा सुरक्षित हो जाएगा।

सुरंगों में काम करने का अनुभव रखने वाले शरद रावत कहते हैं कि यह कार्य अपने में किसी परियोजना से काम नहीं है। इसके लिए संबंधित निर्माण कंपनी को पूरी प्लानिंग के हिसाब से काम करना होगा। जब तक कैविटी की फिलिंग नहीं हुई तब तक सुरंग में आगे का कार्य भी नहीं पाएगा। इसलिए सुरंग निर्माण पूरा होने में अब अतिरिक्त समय लगेगा।

तीन माह का लग सकता है समय

राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) के परियोजना प्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में कैविटी की फिलिंग का कार्य अगर तेजी और सुरक्षा के साथ होता है और किसी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं होती है तो कम से कम तीन माह का समय लग सकता है। इस कार्य को किस तरह से किया जाना है इसके लिए एनएचआइडीसीएल व निर्माण कंपनी के पास विशेषज्ञ उपलब्ध हैं।

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