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गंगा के धाम गंगोत्री से ही कचरा ढो रही गंगा, नहीं है प्रबंधन की व्यवस्था

निर्मल एवं स्वच्छ गंगा के दावों के बावजूद गंगा धाम गंगोत्री से ही भागीरथी (गंगा) गंदगी ढोने को विवश है। भागीरथी के घाट और तटों पर गंदगी की ढेर लगे हुए हैं।

By Edited By: Updated: Thu, 06 Jun 2019 07:11 PM (IST)
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गंगा के धाम गंगोत्री से ही कचरा ढो रही गंगा, नहीं है प्रबंधन की व्यवस्था
गंगोत्री, शैलेंद्र गोदियाल। निर्मल एवं स्वच्छ गंगा के दावों के बावजूद गंगा धाम गंगोत्री से ही भागीरथी (गंगा) गंदगी ढोने को विवश है। भागीरथी के घाट और तटों पर गंदगी की ढेर लगे हुए हैं, लेकिन स्वच्छता का ढोल पीटने वाला जिला प्रशासन और गंगोत्री नगर पंचायत केवल रस्मों को निभा रहे हैं। हैरत देखिए कि गंगोत्री धाम के कपाट खुलने से लेकर कपाट बंद होने तक हर दिन एकत्र होने वाले दो से तीन क्विंटल कूड़े को कहां ठिकाने लगाया जाता है, इसका जवाब भी प्रशासन के पास नहीं है। 

साथ ही गंगोत्री में कूड़ा निस्तारण की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। वर्ष 2012-13 में प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को कॉम्पेक्टर मशीन तो लगा दी गई, लेकिन उसका संचालन सिर्फ 2015 तक ही हो पाया। 

गंगोत्री धाम में घाटों से लेकर पाटों (तट) तक जगह-जगह कचरा बिखरा पड़ा है। इसमें प्लास्टिक की बोतलें, पॉलीथिन बैग, खाद्य पदार्थों के प्लास्टिक रैपर, कपड़े आदि शामिल हैं। यह कूड़ा सीधे भागीरथी में समा रहा है। 

यहां साफ-सफाई व कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था का जिम्मा नगर पंचायत गंगोत्री के पास है। कूड़ा उठाने और उसके निस्तारण की व्यवस्था को अभी तक नगर पंचायत दुरुस्त नहीं कर पाई है। नगर पंचायत के पास गंगोत्री में अभी तक कूड़ा निस्तारण के लिए कोई स्थान नहीं है, जहां कूड़े की छंटाई कर जैविक कूड़े का निस्तारण किया जा सके। 

नगर पंचायत ने प्लास्टिक कूड़े के प्रबंधन के लिए कॉम्पेक्टर मशीन भी लगाई थी, पर इसका भी उपयोग नहीं हो रहा। केवल वर्ष 2015 में नगर पंचायत ने 12 हजार रुपये का कॉम्पेक्ट प्लास्टिक बेचा था। उसके बाद प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए कॉम्पेक्टर मशीन का संचालन ही नहीं हो पाया। नतीजा प्लास्टिक सहित अन्य कूड़ा केवल नगर पंचायत और प्रशासन ने ठिकाने लगाया। जिसके कारण गंगा गंगोत्री से ही प्रदूषित हो रही है। 

गंगोत्री में प्लास्टिक पर प्रतिबंध बेमानी 

गंगोत्री धाम में प्रशासन और गंगोत्री मंदिर समिति ने प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के दावे किए थे। लेकिन, प्लास्टिक व पॉलीथिन का अभी भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। खाद्य सामग्री, कपड़े, पूजा की वस्तुओं की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पॉलीथिन जहां-तहां बिखरी पड़ी हैं। 

यहां तक कि गंगोत्री मंदिर में हर दिन चलने वाले भंडारे में भी प्लास्टिक की कोडिंग वाले पत्तलों का प्रयोग हो रहा है। इसके अलावा गंगोत्री बाजार में व्यापारियों ने भी अपनी दुकानों में कूड़ेदान नहीं लगाए हैं।

नियमित सफाई का दावा 

एसडीएम एवं नगर पंचायत गंगोत्री के प्रशासक देवेंद्र सिंह नेगी ने दावा किया कि गंगोत्री धाम में सफाई व्यवस्था के लिए पर्याप्त सफाई कर्मचारी रखे गए है। घाटों की भी नियमित सफाई कराई जाती है। प्लास्टिक कूड़े के प्रबंधन के लिए कॉम्पेक्टर मशीन शुरू की गई थी, लेकिन बीते कुछ वर्षों से इसका संचालन नहीं हो पा रहा। इसके अलावा कूड़े की छंटाई व निस्तारण के लिए गंगोत्री में बस पार्किंग के पास स्थान मिल गया है। अब वहीं कूड़े का निस्तारण कराया जाएगा।

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