उत्तराखंड का यह कस्बा इनर लाइन से मुक्त, अब आ सकेंगे विदेशी
उत्तरकाशी के हर्षिल कस्बे को इनर लाइन (आंतरिक सुरक्षा रेखा) से मुक्त कर दिया गया है। साथ ही नेलांग घाटी को विदेशी पर्यटकों के लिए खोला गया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 06 Jul 2017 08:14 PM (IST)
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: जिले के हर्षिल कस्बे को इनर लाइन (आंतरिक सुरक्षा रेखा) से मुक्त कर दिया गया है। साथ ही नेलांग घाटी को विदेशी पर्यटकों के लिए खोला गया है। गृह मंत्रालय ने 19 जून को इसके आदेश जारी किया था। यह आदेश जिलाधिकारी डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव को मिल गया है। जिलाधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
जिलाधिकारी ने बताया कि उन्होंने इस आदेश का तत्काल अनुमोदन कर दिया है। अब गुरुवार (आज) से विदेशी पर्यटक प्रशासन की बिना अनुमति के हर्षिल जाने के साथ ही वहां पर रात्रि विश्राम कर सकेंगे। इसके अलावा देशी पर्यटकों के साथ विदेश पर्यटक प्रशासन की अनुमति लेकर निलांग घाटी के लिए प्रस्थान कर सकेंगे।
1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद बने हालात के मद्देनजर भारत सरकार ने उत्तरकाशी के इनर लाइन क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था। लंबे समय से उत्तरकाशी के जागरूक प्रतिनिधि, होटल और ट्रेकिंग संचालक इस प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे थे। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नेलांग घाटी में वर्ष 2015 में गृह मंत्रालय ने भारतीयों को नेलांग जाने की अनुमति दे दी।
हालांकि विदेशियों पर प्रतिबंध बरकरार रहा। अप्रैल 2017 में जिला प्रशासन ने इनर लाइन के संबंध में शासन को विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी। प्रशासन के दस्तावेज भेजने के बाद गृह मंत्रालय द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह आदेश जिला प्रशासन को बुधवार को मिल गया है। आदेश के मुताबिक इनर लाइन अब हर्षिल कस्बे से 50 मीटर दूर होगी, हालांकि इसको स्थानीय प्रशासन ही चिह्नित करेगा। साथ ही देशी विदेशी सैलानी नेलांग घाटी की सैर कर सकेंगे।
क्या है इनर लाइन
दूसरे देशों के सीमाओं के नजदीक स्थित वह क्षेत्र जो सामरिक ²ष्टि से महत्व रखता हो इनर लाइन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में सिर्फ स्थानीय लोग ही प्रवेश कर सकते हैं। उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के अलावा चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में भी चीन सीमा से लगे इनर लाइन क्षेत्र हैं।
नेलांग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से बनेंगे पासकेंद्र सरकार की ओर से उत्तरकाशी जिले के हर्षिल कस्बे को इनर लाइन (आंतरिक सुरक्षा रेखा) से मुक्त करने व नेलांग घाटी जाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को अनुमति मिल गई है। इससे विदेशी पर्यटक न केवल हर्षिल में रात्रि विश्राम कर सकेंगे बल्कि नेलांग घाटी में घूमने की अनुमति भी उन्हें अब आसानी से मिल सकेगी। भाजपा ने दशकों पुरानी लंबित इस मांग को पूरा करने के लिए केंद्र का आभार जताया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने बताया कि 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद सरकार ने उत्तरकाशी के इनर लाइन क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके तहत इन क्षेत्रों में विदेशी पर्यटक आ तो सकते थे लेकिन यहां यात्री विश्राम नहीं कर सकते थे। भाजपा के ही एक सदस्य लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाया था। उन्होंने इस संबंध में राज्यपाल डॉ. केके पाल से भी मुलाकात कर इस रोक को हटाने का अनुरोध किया था।
राज्यपाल डॉ. केके पाल ने भी प्रस्ताव का परीक्षण कर रिपोर्ट केंद्र सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए थे। अब केंद्र ने इस रोक को हटा दिया है। अब इनर लाइन को हर्षिल कस्बे से 50 मीटर भीतर की ओर चिह्नित किया गया है। इसके अलावा नेलांग घाटी के लिए बनने वाले अनुमति पत्र के लिए भी सिंगल विंडो सिस्टम को मंजूरी प्रदान कर दी है।
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