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Heavy Rain in Uttarakhand: उत्‍तरकाशी में बादलों ने मचाई तबाही, कई मार्ग बंद, नाले की चपेट में आई कार के उड़े परखच्‍चे

Heavy Rain in Uttarakhand शनिवार को उत्‍तराखंड के उत्‍तरकाशी में बादलों तबाही ला दी। तहसील मोरी के खरसाडी क्षेत्र में भारी वर्षा/अतिवृष्टि हुई है। त्यूणी पुरोला नौगांव राज्यमार्ग मलबा तथा बोल्डर आने से अवरुद्ध हुआ है। सड़क किनारे खड़ी एक कार भी चपेट में आई। वहीं मोरी के बदाऊं गदेरे में उफान से राजू गांव को जोड़ने वाले पुल की एप्रोच दीवार बह गई है।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 06 Jul 2024 08:38 AM (IST)
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Heavy Rain in Uttarakhand: खरसाडी के पास गदेरे में उफान आने के बाद कार आई चपेट में
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी । Heavy Rain in Uttarakhand: शनिवार को उत्‍तराखंड के उत्‍तरकाशी में बादलों तबाही ला दी। तहसील मोरी के खरसाडी क्षेत्र में भारी वर्षा/अतिवृष्टि हुई है।

भारी बारिश के बाद खरसाडी के पास गदेरे में उफान आया। जिससे त्यूणी पुरोला, नौगांव राज्यमार्ग मलबा तथा बोल्डर आने से अवरुद्ध हुआ है। सड़क किनारे खड़ी एक कार भी उफान की चपेट में आई। जो क्षतिग्रस्त हुई है।

लोक निर्माण विभाग पुरोला को अवगत करवा दिया गया है। लोक निर्माण विभाग ने बताया कि उक्त मार्ग सुबह 11 बजे तक सुचारू कर दिया जाएगा।

वहीं मोरी के बदाऊं गदेरे में उफान से एक पुल की एप्रोच दीवार बह गई है। पैदल पुल राजू गांव, मोताड, बदाऊं, बन्नू गाड़, सालरा आदि गांवों को जोड़ता है।

तहसीलों में कंट्रोल रूम सक्रिय

मानसून सीजन को देखते हुए आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने सभी जिलों के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वर्चुअल बैठक ली। बैठक में उत्तरकाशी जिले के जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आपदा प्रबंधन की तैयारियों को लेकर जानकारी साझा की गई।

बैठक में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि मानसून सीजन और आपदा प्रबंधन तैयारी के संबंध में प्राधिकरण की तीन बैठकें हो चुकी हैं। इससे पूर्व यात्रा के संबंध में भी बैठकें हुई हैं। आपदा प्रबंधन कार्ययोजना 2024 के लिए अपडेट की गई है। जिसमें सभी कांटेक्ट नंबर, सभी रिसोर्सेस व प्रक्रिया को शामिल किया गया। सभी तहसील में कंटोल रूप में दिन रात संचालित और सक्रिय हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग व अन्य माग्रों के संवेदनशील क्षेत्र में 89 जेसीबी, पोकलेन कर्मचारी के साथ तैनात की हैं। सभी मार्गों के लिए नोडल अधिकारी, जेई, आपरेटर व मशीन की डिटेल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास उपलब्ध है। देवेंद्र पटवाल ने बताया कि वर्षा के डिस्चार्ज को नियमित से देखा जा रहा है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में रियल टाइम मॉनिटरिंग और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है।

आर्मी, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ से नियमित समन्वय होता है। सुदूवर्ती क्षेत्रों में अगस्त तक का राशन खाद्यापूर्ति विभाग की ओर से वितरित किया गया और सितंबर के राशन की मांग की गई है। झाला और जानकी चट्टी में इस बार गैस सिलिंडर स्टोर बनाया गया है।

पेटी कांटेक्टर को भी डीजल व पेट्रोल रखने के निद्रेश दिए गए हैं। जितने भी पेटी कांटेक्टर के आवेदन आए थे सभी को अनुमोदन दिया गया है। ताकि ईधन की समस्या उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि आपात कालीन स्थिति में खाना खिलाने के लिए क्षेत्र में दरें भी निर्धारित की गई हैं और तहसील में सभी उपकरणों की कार्यशील स्थिति की रिपोर्ट भी ली गई है। बैठक में आपदा समन्वयक जय पंवार, आपदा समन्वयक शार्दुल गुसाईं, केदार सिंह शामिल हुए।

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