चार धाम यात्रा के लिए होटल और धर्मशाला अभी से बुक
अभी से चारधाम यात्रियों की बुकिंग आ रही है, उससे व्यवसायियों को आपदा में मिले सारे जख्मों के धुलने की उम्मीद है। गंगोत्री व यमुनोत्री के होटलों में बुकिंग से व्यापारी भी खुश हैं।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: इस बार चारधाम यात्रा बेहतरीन चलने की उम्मीद है। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के निकट इसके संकेत भी दिखने लगे हैं। गंगा-यमुना घाटी में 25 अप्रैल से लेकर दस जून तक कई होटल व धर्मशालाएं पैक हो चुकी हैं।
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा का कहना है कि जिस तरह अभी से चारधाम यात्रियों की बुकिंग आ रही है, उससे व्यवसायियों को आपदा में मिले सारे जख्मों के धुलने की उम्मीद है। इस वर्ष गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट 18 अप्रैल, केदारनाथ के 29 अप्रैल और बदरीनाथ के 30 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खुलने हैं।
पहले वर्ष 2012 और फिर वर्ष 2013 की आपदा से चारधाम यात्रा बुरी तरह लड़खड़ा गई थी। गंगोत्री व यमुनोत्री यात्रा पर तो आपदा का प्रभाव वर्ष 2012 से ही तब दिखने लगा था। जब गंगोत्री हाईवे पर गंगोरी में अस्सी गंगा नदी का पुल बह गया था।
वर्ष 2013 में की आपदा ने तो यात्रा की कमर ही तोड़ दी। नतीजा, वर्ष 2014 व वर्ष 2015 में गंगोत्री-यमुनोत्री धाम बहुत कम यात्री पहुंचे। हालांकि, वर्ष 2016 व वर्ष 2017 में यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने से व्यवसायियों को कुछ राहत मिली।
यहां बता देना जरूरी है कि उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री व यमुनोत्री दो प्रमुख धाम होने के कारण यहां के होटल व्यवसायियों व अन्य लोगों की आर्थिकी का जरिया चारधाम यात्रा ही है। जिले की गंगा घाटी में 510 और यमुना घाटी में 340 होटल हैं।
आपदा के बाद तीन साल तक इनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित रहा। लेकिन, इस बार वर्ष 2017 के मुकाबले अधिक यात्रियों के पहुंचने की उम्मीद है। कारण, उत्तरकाशी की गंगा घाटी में 25 अप्रैल से लेकर दस जून तक कई होटल पैक हो चुके हैं।
कमोबेश यही हाल यमुना घाटी का भी है। यहां भी ज्यादातर होटल-धर्मशालाओं में बुकिंग हो चुकी है। होटल व धर्मशाला व्यवसायियों ने अपने प्रतिष्ठानों की रंगाई-पुताई भी शुरू कर दी है।
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