Uttarkashi News: सुविधाओं का होगा विस्तार तो इंजीनियरिंग कालेज होगा गुलजार
Uttarkashi News उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित राजकीय प्रौद्योगिकी संस्थान बौन में इस बार भी छात्रों के प्रवेश काफी कम हुए हैं। भले ही गत वर्ष की तुलना में कुछ प्रवेश बढ़े हैं। छात्रों और शिक्षकों के अनुसार अगर कुछ सुविधाओं का विस्तार किया जाए तो 2025-26 के सत्र में सभी पाठ्यक्रम में छात्रों की संख्यों बढ़ जाएगी। छात्रों के सामने सबसे बड़ी समस्या होस्टल और परिवहन की आ रही है।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : Uttarkashi News: राजकीय प्रौद्योगिकी संस्थान बौन उत्तरकाशी में पूरी फैकल्टी और पढ़ाई का अच्छा वातावरण होने के बावजूद इस बार भी छात्रों के प्रवेश काफी कम हुए हैं। भले ही गत वर्ष की तुलना में कुछ प्रवेश बढ़े हैं। छात्रों और शिक्षकों के अनुसार अगर कुछ सुविधाओं का विस्तार किया जाए तो 2025-26 के सत्र में सभी पाठ्यक्रम में छात्रों की संख्यों बढ़ जाएगी। छात्रों के सामने सबसे बड़ी समस्या होस्टल और परिवहन की आ रही है।
उत्तरकाशी से 16 किलोमीटर दूर बौन गांव में वर्ष 2023 से वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) से संबद्ध राजकीय प्रौद्योगिकी संस्थान संचालित हुआ है। बीटेक कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग में 120 सीटें और आर्टिफिशियल इंटैलीजेंस एण्ड मशीन लर्निंग में 60 सीटें तय की गई। परंतु पहले सत्र में गत वर्ष उम्मीदों के अनुरूप प्रवेश नहीं हो पाए।
केवल कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग 12 छात्रों ने प्रवेश लिया। इस बार बीसीए और बीटेक सिविल इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम भी शुरू हुआ है। परंतु किसी भी ट्रेड में अपेक्षित प्रवेश नहीं हो पाए। जबकि बीसीए में 60 और बीटेक सिविल इंजीनियरिंग में 30 सीटें हैं। बीटेक सिविल इंजीनियरिंग में एक भी प्रवेश नहीं हो पाया। जबकि अन्य तीन ट्रेडों में 52 छात्रों ने प्रवेश लिया है।
दरअसल उत्तरकाशी जनपद सहित विभिन्न जिलों के इच्छुक छात्र-छात्राओं की होस्टल की पहली मांग होती है। इस संस्थान के पास अभी हॉस्टल सुविधा नहीं है। अन्य जनपदों से प्रवेश के लिए पहुंचने वाले छात्र हॉस्टल सुविधा न होने पर प्रवेश लेने से विमुख हो रहे हैं। इसके अलावा परिवहन और संस्थान का प्रचार प्रसार न होना भी कम प्रवेश का कारण है।
ये पाठ्यक्रम हैं संचालित
- कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग
- आर्टिफिशियल इंटैलीजेंस एण्ड मशीन लर्निंग
- बीसीए
- बीटेक सिविल इंजीनियरिंग
कम एडमिशन होने के ये हैं बड़े कारण
- प्रौद्योगिकी संस्थान का अभी दूसरा सत्र होना है।
- प्रौद्योगिकी संस्थान में होस्टल सुविधाओं का न होना
- गंगोत्री हाईवे से लेकर बौन प्रौद्योगिकी संस्थान तक परिवहन की समुचित व्यवस्था न होना।
पहले सत्र की तुलना में दूसरे सत्र में छात्रों की संख्या कुछ बढ़ी है। आने वाले सत्र में बीटेक सिविल इंजीनियरिंग में अच्छे प्रवेश होंगे। प्रौद्योगिकी संस्थान बौन में सभी ट्रेड में फैकल्टी पूरी है, अन्य सुविधाएं भी अच्छी हैं। परंतु संस्थान के पास हॉस्टल सुविधा की अभी कमी है। इसके लिए शासन को लिखा गया है। हॉस्टल सुविधा के विस्तार होने पर सभी संचालित ट्रेड में पर्याप्त छात्र होंगे।
-प्रो. एचएस भदौरिया, निदेशक, राजकीय प्रौद्योगिकी संस्थान बौन उत्तरकाशी