हिमालय की गोद में बसा केदारकांठा टॉप, बेहद मनमोहक है सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा; रोमांचित कर देगा यहां का एडवेंचर
केदारकांठा ट्रेक की शुरुआत सांकरी और सौड़ गांव के पारंपरिक होम स्टे से होती है। यहां अतिथि सत्कार पर्यटकों के लिए यादगार बन जाता है। फिर बुग्याली क्षेत्र में छोटी-छोटी झीलों के आसपास कैंपिंग और केदारकांठा टाप तक की ट्रेकिंग पर्वतारोहण की सी अनुभूति कराती है। केदारकांठा ट्रेक के बेस कैंप सांकरी और सौड़ गांव में ग्रामीण जनजीवन की झलक देखने को मिलती है।
शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। चारों ओर बर्फ की चादर ओढ़े गगन चूमते शिखरों से घिरा केदारकांठा टाप आनंद की अनुभूति कराने वाला बुग्याली क्षेत्र है। उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 3800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारकांठा टाप से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बेहद मनमोहक होता है।
हिमालय की धवल चोटियां सुबह-शाम के वक्त यहां से स्वर्ण आभा बिखेरती नजर जाती हैं। पिछले कुछ वर्षों से नववर्ष के मौके पर बड़ी संख्या में पर्यटक यहां सूर्योदय के दीदार को पहुंच रहे हैं। केदारकांठा ट्रेक की शुरुआत सांकरी और सौड़ गांव के पारंपरिक होम स्टे से होती है।
यहां अतिथि सत्कार पर्यटकों के लिए यादगार बन जाता है। फिर बुग्याली क्षेत्र में छोटी-छोटी झीलों के आसपास कैंपिंग और केदारकांठा टाप तक की ट्रेकिंग पर्वतारोहण की सी अनुभूति कराती है।
केदारकांठा ट्रेक के बेस कैंप सांकरी और सौड़ गांव में ग्रामीण जनजीवन की झलक देखने को मिलती है। इन गांवों में पर्यटकों का स्वागत-सत्कार खास अंदाज में होता है। पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर पर्यटकों को होम स्टे तक पहुंचाया जाता है।
दोनों गांवों में करीब 3,000 पर्यटकों के ठहरने के लिए होटल व होम स्टे उपलब्ध हैं। सभी होम स्टे देवदार की लकड़ी के बने हैं। गांवों के अधिकांश युवा पर्यटन से जुड़े हैं। गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र में होने के कारण केदारकांठा जाने के लिए प्रतिदिन 150 पर्यटकों को अनुमति दी जाती है।
दिवस विशेष पर पर्यटकों की संख्या में छूट दी जाती है। सांकरी से चार किमी दूर जूड़ाताल है। यहां रस्सियों के सहारे ताल को आर-पार करने सहित राक क्लाइंबिंग, रैपलिंग जैसी साहसिक खेल गतिविधियां भी होती हैं। जूड़ाताल से तीन किमी दूर समुद्रतल से 2800 मीटर की ऊंचाई पर तालखेत्रा में केदाकांठा का एडवांस कैंप है। यहां से बुग्याली क्षेत्र शुरू हो जाता है, जिसमें ग्रामीणों की छानियों के अलावा कैंपिंग साइड भी हैं।
छानियों में रहने वाले ग्रामीण पर्यटकों के लिए पारंपरिक भोजन बनाते हैं। तालखेत्रा से केदारकांठा टाप की दूरी चार किमी है। सूर्योदय का नजारा देखने के लिए पर्यटक तालखेत्रा से रात दो-तीन बजे के आसपास केदारकांठा टाप की ट्रेकिंग शुरू करते हैं। सूर्योदय का नजारा पर्यटकों को आल्हादित कर देता है।
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