चारधाम यात्रा सिर पर, अभी मार्ग पर बरस रहे पत्थर
18 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुलते ही यात्रा शुरू हो जाएगी, लेकिन यमुनोत्री को जोड़ने वाले हाईवे पर ओजरी डाबरकोट में पहाड़ी से पत्थऱ गिर रहे हैं।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: 18 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुलते ही यात्रा शुरू हो जाएगी, लेकिन यात्रा के पहले धाम यमुनोत्री को जोड़ने वाले हाईवे पर भूस्खलन का डेंजर जोन बना ओजरी डाबरकोट में न तो वैकल्पिक इंतजाम किए गए हैं और न स्थाई इंतजाम। इन इंतजामों को कराने के लिए सरकार सुध नहीं ले रही है। हालात ये हैं कि इन स्थान पर पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं।
सितंबर 2017 के दूसरे सप्ताह ओजरी के पास डाबरकोट की पहाड़ी से भूस्खलन होने के कारण यमुनोत्री हाईवे बंद हुआ था। अभी भी यह भूस्खलन नासूर बना हुआ है। हल्की से बारिश होने पर डाबरकोट की पहाड़ी से पत्थरों की बरसात होने लगती है।
तीन दिन पहले भी हल्की सी बारिश से भूस्खलन सक्रिय हुआ और छह घंटे तक हाईवे बंद रहा। बीते नवंबर 2017 में डीएम के निर्देश पर लोनिवि बड़कोट ने स्थाई समाधान के लिए पांच किलोमीटर लंबी एक नई सड़क बनाने का प्रस्ताव तैयार किया।
इस प्रस्ताव में 42 मीटर लंबा एक पुल का भी निर्माण होना है। इसके बाद यह सड़क ओजरी से होते हुए त्रिखली तक बननी है। त्रिखली गांव से स्याना चट्टी तक पहले से ही सड़क बनी हुई है। इससे यह मार्ग यमुनोत्री धाम का स्थाई वैकल्पिक मार्ग भी बन सकता हैं। इस मार्ग निर्माण के लिए 6.03 करोड़ की डीपीआर शासन को लोनिवि ने दिसंबर में भेज दी थी, लेकिन अभी तक शासन से बजट स्वीकृत नहीं हुआ है।
खर्च राशि का भी भुगतान नहीं
सितंबर 2017 में स्यानाचट्टी से ओजरी के बीच अस्थाई वैकल्पिक मार्ग बनाने का निर्णय लिया था। तात्कालिक व्यवस्था को देखते हुए ओजरी से लेकर स्याना चट्टी के बीच यमुना नदी के किनारे-किनारे अस्थाई वैकल्पिक मार्ग का निर्माण किया गया।
इस मार्ग के निर्माण में 50.26 लाख की धनराशि खर्च की गई। यह धनराशि अभी तक शासन से अवमुक्त नहीं की गई है, लेकिन इस अस्थाई वैकल्पिक मार्ग पर न तो यमुना नदी पार करने के लिए पुल बनाया गया और न ह्यूम पाइप डाले गए। इससे इस वैकल्पिक मार्ग के विकल्प बनने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
अभी तक नहीं मिली धनराशी
लोक निर्माण विभाग बड़कोट के अधिशासी अभियंता जेपी रतूड़ी के मुताबिक ओजरी-त्रिखली वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए 6.03 करोड़ की धनराशि शासन से मांगी गई है, लेकिन अभी तक धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। इसके साथ ही पूर्व में जो अस्थाई वैकल्पिक मार्ग बनाया था, उसके निर्माण पर खर्च हुई धनराशि भी नहीं मिली है।
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