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Uttarakhand में अधूरी सूचना से गरमाया मस्जिद का मुद्दा, इंटरनेट मीडिया पर भी चला घमासान

Uttarkashi News उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिला प्रशासन की ओर से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दी गई अधूरी सूचना के आधार पर हिंदू संगठनों ने मस्जिद को अवैध बताते हुए प्रदर्शन किया था। अब मुस्लिम समाज ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।

By Shailendra prasad Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 13 Sep 2024 04:02 PM (IST)
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Uttarkashi News: इंटरनेट मीडिया पर भी घमासान

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Uttarkashi News: सीमांत जनपद उत्तरकाशी में पिछले कई दिनों से मस्जिद का मुद्दा गरमाया हुआ है। मस्जिद के वैध और अवैध होने को लेकर भी इंटरनेट मीडिया पर भी घमासान चल रहा है। यह घमासान तब से बढ़ा जब जिला प्रशासन की ओर से 'सूचना का अधिकार' अधिनियम में मस्जिद को लेकर एक अधूरी सूचना दी गई।

इसे जिला प्रशासन अब अपूर्ण और अधूरी मान रहा है और विस्तृत सूचना हिंदू संगठन के आरटीआइ कार्यकर्ता को भेजने की बात कर रहा है। इसी सूचना के आधार पर हिंदू संगठनों ने मस्जिद को अवैध बताते हुए गत छह सितंबर को धरना प्रदर्शन किया।

बृहस्पतिवार को मुस्लिम समाज ने शहर की शांति व भाईचारा को बिगाड़ने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। वहीं शहर में शांति व्यवस्था न बिगड़े इसे लेकर पुलिस और खुफिया विभाग अलर्ट है।

हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने मस्जिद को हटाने को लेकर मोर्चा खोला

दरअसल अगस्त में जिला लोक सूचना अधिकारी ने आवेदनकर्ता को सूचना दी कि 'कार्यालय में उपलब्ध नजूल फ्री-होल्ड, पट्टा आवंटन संबंधित अभिलेखों में मौजा बाड़ाहाट नगर क्षेत्र अंतर्गत मस्जिद के नाम कोई भूमि स्वीकृत व फ्री होल्ड दर्ज अभिलेख नहीं हैं।' इस सूचना के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने मस्जिद को हटाने को लेकर मोर्चा खोल दिया। विवाद बढ़ा तो जिला प्रशासन ने भी अपने दस्तावेज खंगाले। फिर दस्तावेजों में मिला कि जहां मस्जिद बनी है वह भूमि खाते धारकों के नाम दर्ज है।

इस मामले में जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि जिस भूमि पर मस्जिद बनी हुई है उसकी रजिस्ट्री और दाखिल खारिज भी है। यह दस खातेधारकों के नाम दर्ज है। इसके अलावा वर्ष 2005 में तहसीलदार भटवाड़ी ने अपने एक आदेश में उक्त भूमि पर मस्जिद बनी होने का उल्लेख किया है। वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश में भी मस्जिद का उल्लेख होने की बात सामने आई है। इस संबंध में भी पत्रावलियों की जांच की जा रही है। साथ ही आरटीआइ आवेदक को विस्तृत सूचना भेजी जा रही है।

बृहस्पतिवार को मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। इसमें दाखिल खारिज, खाता खौतनी, गजट प्रकाशन सुन्नी वक्फ अनुसूची, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की छाया प्रति भी दी है। ज्ञापन देने वालों में शामिल इश्तियाक अहमद ने कहा कि बाड़ाहाट मस्जिद जनपद उत्तरकाशी का प्रकाशन 20 मई 1987 में उत्तर प्रदेश मुस्लिम वक्फ अधिनियम की अनुसूची में सुन्नी वक्फ में दर्ज है। मस्जिद वाली भूमि व मस्जिद किसी भी प्रकार से अवैध नहीं है। कुछ संगठन की ओर से झूठा भ्रम फैलाया जा रहा है कि मस्जिद अवैध है।

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