कुदरत का कहर: उत्तरकाशी में मृतक संख्या 13 पहुंची, 15 अभी लापता
उत्तरकाशी के आराकोट में बारिश भूस्खलन व बादल फटने की घटना के बाद 12 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। अभी 15 लोग लापता हैं। घायलों को एयरलिफ्ट किया गया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 20 Aug 2019 08:31 AM (IST)
उत्तरकाशी, जेएनएन। कुदरत के कहर के कांप रहे आराकोट न्याय पंचायत के गांवों में मृतक संख्या 13 पहुंच गई, जबकि लगभग 15 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। हालांकि, जिला प्रशासन छह से सात लोगों के लापता होने की पुष्टि कर रहा है। इन गांवों में 50 से 60 लोग चोटिल भी हुए हैं। इनमें से छह को हेली रेस्क्यू करके अस्पतालों तक पहुंचाया गया। चार का देहरादून में इलाज चल रहा है। करीब 28 घंटे बाद सोमवार सुबह प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू टीमों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ। माकुडी और बलावट गांव में चौतीस घंटे बाद हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू टीमों को ड्रॉप किया जा सका। टिकोली में यह भी संभव नहीं हो पाया, हालांकि पूर्वाह्न करीब 11 बजे यहां पैदल टीम पहुंच गई थी। जिलाधिकारी ने राहत कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। इस बीच, न्याय पंचायत आराकोट के सभी शिक्षण संस्थानों में एक सप्ताह का अवकाश घोषित कर दिया गया है।
रविवार सुबह बादल फटने के बाद इन गांवों का मंजर गवाही दे रहा है कि यहां किस कदर कुदरत का कहर बरपा। इससे लोगों पर क्या बीती होगी। इलाके के 50 से ज्यादा गांवों में जीवन पूरी तरह पटरी से उतरा हुआ है। बरसाती नालों के उफान के साथ आए मलबे ने यहां का एक प्रकार से भूगोल ही बदल कर रख दिया है। संपर्क मार्ग, पैदल रास्ते, पुलिया टूटने से गांवों तक पहुंचना चुनौती बना हुआ है। इसी के चलते रविवार सुबह उत्तरकाशी मुख्यालय ये यहां से लिए चली रेस्क्यू टीमों के सोमवार सुबह पहुंचने का सिलसिला शुरू हो पाया जो दोपहर बाद तक चला।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, वायुसेना, आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस, पीएसी और राजस्व विभाग 300 से ज्यादा सदस्यों की टीमें प्रभावित गांवों में बचाव एवं राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। सोमवार को मलबे में दबे पांच और शव बरामद कर लिये गए हैं। आराकोट और माकुड़ी गांव में अभी तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं। माकुड़ी में अभी एक मकान के मलबे में अब भी चार लोगों दबे हैं, उन्हें रेस्क्यू नहीं किया जा सका है। प्रभावित गांवों में 15 लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं, हालांकि प्रशासनिक आंकड़ा सात है।
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी, देहरादून और शिमला से आई रेस्क्यू टीमें आराकोट में जुटी हुई हैं। इधर, दोपहर के वक्त वायु सेना की टीम ने चॉपर के जरिये भी माकुडी, आराकोट, मोल्डी, टिकोची में राहत सामग्री के पैकेट ड्रॉप किए। एसडीआरएफ की टीम ने भी हेलीकॉप्टर से गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई। रेस्क्यू में मौसम ने पूरा साथ दिया। दोपहर सभी गांवों में टीमों के पहुंचने के बाद रेस्क्यू में तेजी आई।
प्रदेश के आपदा सचिव अमित नेगी और एसडीआरएफ के आइजी संजय गुंज्याल ने स़ुबह आराकोट पहुंचकर राहत कार्यों का जायजा लिया। आपदा सचिव के अनुसार आराकोट, मोल्डी, माकुडी, टिकोची, किराणु, चीवां, बलावट सहित 13 गांवों में भारी बारिश व अतिवृष्टि होने से जान-माल का नुकसान हुआ है। घायलों को हेली रेस्क्यू कर अस्पतालों तक पहुंचाया जा रहा है। उनका कहना था कि जहां पुलिया क्षतिग्रस्त हैं, वहां ब्रह्मा ब्रिज बनाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आवाजाही शुरू हो सके।
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डीएम का आराकोट में कैंप
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान आराकोट में कैंप किए हुए हैं। उन्होंने बताया कि राहत के लिए एसडीआरएफ मद से एक करोड़ की धनराशि पुरोला के एसडीएम को आवंटित कर दी गई है। दो मंत्री भी हाल जानने पहुंचेदोपहर में प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने भी आराकोट पहुंच कर घायलों व प्रभावितों का हालचाल जाना। प्रशासन की ओर से राइका आराकोट और वन विश्राम गृह में राहत कैंप और मेडिकल कैंप बनाए गए हैं। इनमें 150 ग्रामीणों को ठहराया गया है। इनमें 45 चोटिल हैं, सभी को कैंप में ही उपचार दिया गया। यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में जानलेवा हुई बारिश, एक महिला की मौत; तीन लोग घायल
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