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आइपीएल में चयन के नाम पर 11 लाख की एक और ठगी आई सामने

आइपीेएल में चयन के नाम पर एक और ठगी सामने आई है। पीड़ित से आरोपी ने 11 लाख रुपये ठगे।एक दिन पहले भेड़ पालक से 70 लाख रुपये ठगने का मामला प्रकाश में आया था।

By BhanuEdited By: Updated: Wed, 24 Apr 2019 11:42 AM (IST)
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आइपीएल में चयन के नाम पर 11 लाख की एक और ठगी आई सामने
उत्तरकाशी, जेएनएन। भेड़ पालक के बेटे का इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) की किसी टीम में चयन कराने का झांसा देकर 70 लाख रुपये ठगने वाले आरोपित दो सगे भाइयों ने कुछ और लोगों को भी चूना लगाया। अब एक और पीड़ित सामने आया है। उनसे भी बेटे का टीम में चयन कराने के नाम पर 11 लाख रुपये लिए थे। आरोपितों के झांसे में  पुरोला और मोरी क्षेत्र शिक्षक और ठेकेदारों के आने की भी चर्चाएं हैं। हालांकि, इनमें से कोई भी अभी शिकायत करने सामने नहीं आया है। 

मोरी ब्लाक के लिवाड़ी गांव निवासी हाकम सिंह की तहरीर के बाद आरोपितों की करतूत सामने आई। आरोप है कि खलाड़ी गांव निवासी अंकित रावत और संदीप रावत ने हाकम सिंह से उनके बेटे का आइपीएल की टीम में चयन कराने के नाम पर 70 लाख रुपये लिए थे। 

हाकम सिंह ने भेड़-बकरियां बेचने के साथ ही रिश्तेदारों से कर्ज लेकर ये रकम जुटाई थी। आइपीएल शुरू होने पर भी बेटे के चयन की कोई खबर नहीं मिली तो उन्होंने अंकित से संपर्क साधा। इसके बाद ही उन्हें अपने साथ धोखाधड़ी का एहसास हुआ।   

पुरोला थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस बीच, मंगलवार को एक और पीड़ित सामने आया है। मीडिया में मामला उछलने के बाद देहरादून के रायवाला निवासी राजेंद्र चौधरी पुत्र स्वर्गीय सुंदर सिंह मंगलवार शाम रायवाला थाना पहुंचे और पुलिस को अपने साथ हुई ठगी की जानकारी दी। पेशे से चालक राजेंद्र चौधरी की तहरीर पर पुलिस ने अंकित रावत के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। 

थानाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने राजेंद्र की तहरीर के हवाले से बताया कि पिछले साल उनका बेटा स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून में क्रिकेट का अभ्यास कर रहा था। वहीं अगस्त 2018 में अंकित रावत की मुलाकात उनके बेटे से हुई। अंकित ने उसे बताया कि वह उसका आइपीएल टीम में चयन करा देगा, इसके बदले उसने 11 लाख रुपए मांगे। 

बेटे के भविष्य की खातिर देखते हुए उन्होंने अंकित को यह रकम दे दी,  लेकिन जब उनके बेटे का चयन नहीं हुआ तो उन्होंने अंकित रावत से पैसे लौटाने को कहा। कई बार टोकने के बाद अंकित ने उन्हें 11 लाख रुपए के चेक दिए, जो खाते में जमा कराने पर बाउंस हो गए। 

इसी सिलसिले में जनवरी में उन्होंने अंकित के खिलाफ चेक बाउंस का मुकदमा दर्ज कराया था। यह भी पता चला कि हाकम सिंह के रकम वापसी का दबाव बनाने पर अंकित ने उन्हें भी कुछ चेक दिए थे, वो भी बाउंस हो गए थे। 

दूसरी तरफ, उत्तरकाशी के मोरी और पुरोला इलाके के कुछ शिक्षकों और ठेकेदारों से अंकित ने पैसा दुगुना करने के नाम पर रकम वसूली। अंकित और उसके भाई की करतूत का पता चलने के बाद से इन लोगों में हलचल है। यद्यपि अभी कोई सामने नहीं आया है। 

पुलिस के अनुसार जांच में पता चला कि अंकित ने नोएडा में स्पोर्ट्स प्रीमियर लीग नाम से एक कंपनी खोली हुई है। वह लोगों को यह कहकर झांसे में लेता था कि उसके देश के बड़े क्रिकेटरों से नजदीकी तालुकात हैं और वह उसके कार्यक्रमों में आते रहते हैं। 

बता दें कि, यही धमक दिखाने के लिए अंकित पिछले साल मार्च में नामी क्रिकेटर युवराज सिंह को पुरोला में आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि लेकर आया था। 

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