Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Uttarkashi Tunnel Rescue: उदास आंखों में दिन बढ़ने से टूट रहा परिजनों की सब्र का बांध, अधिकारी दिला रहे दिलासा- कुछ ही समय में सकुशल आएंगे बाहर

Uttarkashi Tunnel Rescue Operation चारधाम ऑलवदेर रोड की निर्माणाधीन सुरंग में पिछले 14 दिनों से 41 जिंदगी कैद हैं। खोज बचाव अभियान में कई बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। दिन जैसे-जैसे बढ़ रहे हैं सुरंग में फंसे श्रमिकों और उनके स्वजन की सब्र का बांध भी टूट रहा है। अधिकारी भी दिलासा दिलाते हुए हर बार एक ही बात कह रहे हैं कि रेस्क्यू हो रहा है और...

By Shailendra prasadEdited By: riya.pandeyUpdated: Sun, 26 Nov 2023 08:46 AM (IST)
Hero Image
उदास आंखों में दिन बढ़ने से टूट रहा परिजनों की सब्र का बांध

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: चारधाम ऑलवदेर रोड की निर्माणाधीन सुरंग में पिछले 14 दिनों से 41 जिंदगी कैद हैं। खोज बचाव अभियान में कई बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। दिन जैसे-जैसे बढ़ रहे हैं, सुरंग में फंसे श्रमिकों और उनके स्वजन की सब्र का बांध भी टूट रहा है।

अधिकारी भी दिलासा दिलाते हुए हर बार एक ही बात कह रहे हैं कि रेस्क्यू हो रहा है और कुछ समय में ही सभी सुरक्षित बाहर आ जाएंगे।

शनिवार की दोपहर को बांका बिहार निवासी रजनी कहती हैं कि उसके पति विरेंद्र भी सुरंग में फंसे हैं। गत शुक्रवार की रात तक वह सिलक्यारा में इसी इंतजार में रहे कि खोज बचाव अभियान पूरा होगा। अन्य श्रमिकों के साथ उसके पति भी बाहर आएंगे, ऐसा सोचा था। पर, इंतजारी और बढ़ गई है।

मजदूरों के परिजन पहुंचे उत्तरकाशी

शनिवार की सुबह रजनी अपनी जेठानी सुनीता और जेठ के साथ सुरंग में पहुंची। सुनीता ने बताया कि सुरंग में स्थापित ऑडियो कम्युनिकेशन सेटअप के माध्यम से अंदर फंसे अपने देवर से उसने बात की है। देवर विरेंद्र से बात हुई है। देवर ने कहा कि सुरंग में और कितने दिन रहेंगे, नाश्ता खाने का भी मन नहीं कर रहा है, खोज बचाव अभियान में आ रही बाधा से कुछ परेशान था। कहा कि हर दिन कह रहे हैं कि निकाल लेंगे। जल्दी कीजिए।

झारखंड के जनपद रांची के खीराबेरा गांव निवासी 20 वर्षीय ओम कुमार ने कहा कि उसके तीन चचेरे भाई सुरंग के अंदर फंसे हैं। बस, वह किसी तरह से बाहर निकल जाएं तो कभी सुरंग के अंदर काम नहीं करेंगे। साहनी बिहार निवासी सोनू शाह भी सुरंग के अंदर फंसा हुआ है। सोनू का ममेरा भाई दर्शन कुमार भी काफी चिंतित है। दर्शन कुमार ने कहते हैं कि आज रेस्क्यू पूरा हो जाएगा, रात को होगा, सुबह तक होगा, शाम तक होगा, घरवालों को यह झूठ बोलते-बोलते मैं थक गया हूं।

यह भी पढ़ें - Uttarakhand Tunnel Rescue: श्रमिकों को बचाने के लिए बचाव एजेंसियों ने झोंकी पूरी ताकत, सुरंग निर्माण कंपनी से मंगाई डिजायन; लेकिन ये है समस्या

फंसे श्रमिकों से होगा लैंडलाइन से संपर्क

सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने को खोज बचाव अभियान जारी है। श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाले जाने तक उन्हें सुविधाएं भी दी जा रही है। भोजन की समुचित व्यवस्था के बाद बीएसएसएनएल लैंडलाइन की सुविधा दी गई।

इसके लिए शनिवार को बीएसएनएल की टीम ने सुरंग के अंदर तक लैंडलाइन फोन की लाइन बिछाई जिससे श्रमिक अपने घर परिवार के सदस्यों से बात कर सकें। शनिवार की देर शाम तक बीएसएनएल की टीम सुरंग के अंदर ही लैंडलाइन फोन को फिट करने में जुटी रही।

यह भी पढ़ें - Uttarakhand Tunnel Rescue: बचाव दल के लिए बनाया जा रहा प्रोटेक्शन अंब्रेला, श्रमिकों को बचाने की जंग जारी

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर