Move to Jagran APP

Silkyara Tunnel में फिर से निर्माण कार्य की तैयारी, वापस बुलाए जाएंगे मजदूर; सबसे पहले होगा स्केप टनल का निर्माण

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर सिलक्यारा में निर्माणाधीन चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना की सुरंग में 12 नवंबर 2023 को भूस्खलन हुआ था। इससे सुरंग के अंदर 41 श्रमिक फंस गए थे जिन्हें 17 दिन बाद निकाला जा सका था। इस घटना के चलते 12 नवंबर से सुरंग में निर्माण कार्य ठप हो गए थे। घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए दिल्ली से टीम आई थी।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Updated: Fri, 26 Jan 2024 02:28 PM (IST)
Hero Image
Silkyara Tunnel में फिर से निर्माण कार्य की तैयारी, वापस बुलाए जाएंगे मजदूर
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। यमुनोत्री राजमार्ग पर स्थित सिलक्यारा सुरंग में बड़कोट की ओर से कुछ निर्माण कार्यों को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अनुमति मिल गई है। साथ में मंत्रालय ने पिछले वर्ष नवंबर में हुए हादसे से सबक लेते हुए सुरक्षा के साथ निर्माण कार्य करने के निर्देश भी जारी किए हैं।

इस कड़ी में सुरंग में निर्माण से पहले संवेदनशील हिस्सों में पाइप डालकर एस्केप टनल बनाई जाएगी। फिलहाल, मंत्रालय ने रीप्रोफाइलिंग की अनुमति नहीं दी है। सिलक्यारा की ओर से सुरंग में भर रहे पानी की निकासी का कार्य भी अब तक शुरू नहीं हुआ है।

श्रमिकों को बुलाया जाएगा वापस

कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल के परियोजना प्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल के अनुसार, सुरंग में कार्य बंद होने के दौरान जो श्रमिक घर भेजे गए थे, उन्हें बुलाया जा रहा है। श्रमिक उपलब्ध कराने वाले ठेकेदारों से भी संपर्क किया जा रहा है।

टनल हादसे के बाद निर्माण कार्य था ठप्प

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर सिलक्यारा में निर्माणाधीन चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना की सुरंग में 12 नवंबर 2023 को भूस्खलन हुआ था। इससे सुरंग के अंदर 41 श्रमिक फंस गए थे, जिन्हें 17 दिन बाद निकाला जा सका था। इस घटना के चलते 12 नवंबर से सुरंग में निर्माण कार्य ठप हो गए थे। घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए दिल्ली से टीम आई थी। साथ ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी कर कारण पूछा था।

दिशा-निर्देश जारी

अब मंत्रालय स्तर पर गहन मंथन के बाद 23 जनवरी को पत्र जारी कर सुरंग में बड़कोट की तरफ से काम करने की अनुमति दी गई है। साथ में कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।

बनाई जा रही है स्केप टनल

कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि सुरंग में बड़कोट की ओर से हेडिंग, बेंचिंग और इनवर्ट का कार्य किया जाएगा। धीरे-धीरे काम शुरू किया जाएगा। अभी सुरक्षित क्षेत्र में काम करेंगे और जो क्षेत्र कमजोर हैं, उन्हें सुरक्षित करेंगे। जो स्थान संवेदनशील हैं, वहां एस्केप टनल बनाई जा रही है। ताकि, आपात स्थिति में श्रमिकों को सुरक्षित निकाला जा सके।

रीप्रोफाइलिंग की अभी नहीं मिली अनुमति

रीप्रोफाइलिंग के कार्य की अनुमति अभी नहीं मिली है। सुरंग कटिंग के दौरान कुछ स्थानों पर तत्काल फाइनल लाइनिंग नहीं हो पाती। ऐसे स्थानों को बाद में दुरुस्त किया जाता है। इसी को रीप्रोफाइलिंग कहते हैं। अब सुरंग निर्माण में समयसीमा नहीं है। अभी नहीं हो पाएंगे इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल सुरंग में फिलहाल रीप्रोफाइलिंग का कार्य रोका गया है। इससे फाइनल लाइनिंग का कार्य भी नहीं हो सकेगा, जिस कारण सुरंग में इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल कार्य नहीं हो पाएंगे।

2025 तक नहीं हो सकेगा काम पूरा

वर्तमान हालात में सुरंग का निर्माण वर्ष 2025 से पहले पूर्ण होना संभव नहीं दिखता। सिलक्यारा की ओर से काम शुरू करना बड़ी चुनौती सुरंग में सिलक्यारा की ओर से काम शुरू करना चुनौतीपूर्ण है। पिछले वर्ष 12 नवंबर से सुरंग में सिलक्यारा की ओर से डी-वाटरिंग (जल निकासी) का कार्य बंद है। इस तरफ से सुरंग में 2300 मीटर खोदाई हो चुकी है। सुरंग के अंदर 2300 मीटर का प्वाइंट सुरंग के मुहाने की तुलना में लगभग 60 मीटर नीचे है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि सुरंग के अंदर चेनेज 1500 मीटर से 2300 मीटर के बीच जलभराव हो गया होगा।

टनल में काम करना बना चुनौती

एनएचआइडीसीएल के अधिकारियों के अनुसार, डी-वाटरिंग जल्द से जल्द की जानी जरूरी है। लेकिन, यह कार्य तब होगा, जब सुरंग के अंदर भूस्खलन वाले हिस्से और मुहाने के बीच करीब 100 मीटर के संवेदनशील हिस्से में सुरक्षात्मक कार्य होंगे। इस कार्य को करने में करीब 20 दिन का समय लग सकता है। डी-वाटरिंग के बाद सुरंग में कैविटी का उपचार करना होगा। अधिकारियों के अनुसार, हादसे के बाद इस तरफ से श्रमिकों को अंदर भेजने के लिए उनका मनोबल बढ़ाना भी बड़ी चुनौती है।

यह भी पढ़ें: UCC को लेकर सीएम धामी ने दिया बड़ा अपडेट, इस तारीख को मिल जाएगा ड्राफ्ट; विधानसभा सत्र बुलाने की है तैयारी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।