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अक्षय तृतीया पर खोले गए यमुनोत्री धाम के कपाट, प्रधानमंत्री मोदी के नाम से हुई पहली पूजा

विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर्व के अभिजीत मुहूर्त पर ठीक दोपहर 1215 पर खोले गए। अक्षय तृतीय के शुभ अवसर पर यमुना की उत्सव डोली को यमुना के शीतकाली प्रवास स्थल खरसाली (खुशीमठ) में भव्य तरीके से सजाया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 14 May 2021 10:26 PM (IST)
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अक्षय तृतीय पर खोले गए यमुनोत्री धाम के कपाट, प्रधानमंत्री मोदी की ओर से करवाई गई पहली पूजा।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। अक्षय तृतीया पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यमुनोत्री धाम के कपाट शुक्रवार को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:15 बजे खोले गए। कोरोना संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा स्थगित होने के कारण कपाट खुलने के मौके पर महज 25 लोग (तीर्थ पुरोहित व बाजगी) मौजूद थे। धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से से हुई। 

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने 1101 रुपये की भेंट प्रधानमंत्री के नाम से यमुनोत्री मंदिर समिति के खाते में में जमा करवाई। उधर, मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा (मुखीमठ) से गंगोत्री के लिए रवाना हुई। धाम के कपाट आज अक्षय तृतीया की उदय बेला में सुबह 7:30 बजे खोले जाएंगे। इसके अलावा बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन पड़ाव स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ के लिए रवाना हुई। जबकि, तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मक्कूमठ से तुंगनाथ के लिए प्रस्थान किया। 

शनिदेव की अगुआई में सुबह 8:30 बजे देवी यमुना की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली (खुशीमठ) से यमुनोत्री के लिए रवाना हुई। 11:30 बजे डोली यमुनोत्री धाम पहुंची और दोपहर 12:15 मंदिर के कपाट खोले गए। यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष राजस्वरूप उनियाल ने बताया कि कपाट खोलने के मौके पर पीएम के नाम से हुई पूजा के दौरान तीर्थ पुरोहितों ने मां यमुना से देश-दुनिया को कोरोना से मुक्ति दिलाने की कामना की। 

इस मौके पर उपजिलाधिकारी चतर सिंह चौहान, बड़कोट थाना निरीक्षक डीएस कोहली, मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष प्यारेलाल उनियाल, प्रवक्ता जयप्रकाश उनियाल, सह सचिव विपिन उनियाल, प्रकाश उनियाल, अंकित उनियाल, पंकज उनियाल, भागेश्वर उनियाल आदि मौजूद रहे। 

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