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गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा करा रही सुखद अहसास, दर्शनों को पहुंचे रिकॉर्ड संख्या में यात्री

वर्ष 2013 की भीषण त्रासदी के बाद वर्ष 2014 की अपेक्षा इस बार गंगोत्री व यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या में दस गुना से अधिक का इजाफा हुआ है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 12 Oct 2019 04:34 PM (IST)
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गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा करा रही सुखद अहसास, दर्शनों को पहुंचे रिकॉर्ड संख्या में यात्री
उत्‍तरकाशी, शैलेंद्र गोदियाल। वर्ष 2013 की आपदा के बाद से यह पहला सीजन है, जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। आपदा के बाद पूरी तरह पटरी से उतरी चुकी चारधाम यात्रा पहली बार अपनी पूरी लय में है। वर्ष 2013 की भीषण त्रासदी के बाद वर्ष 2014 की अपेक्षा इस बार गंगोत्री व यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या में दस गुना से अधिक का इजाफा हुआ है। इससे न सिर्फ दोनों  धाम, बल्कि स्थानीय लोगों और व्यापारियों के चेहरों की भी रौनक लौटी है। 

वर्ष 2014 में जहां गंगोत्री धाम पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 59 हजार रही, वहीं यमुनोत्री धाम मात्र 38 हजार यात्री ही पहुंच पाए थे। लेकिन, इस बार अब तक गंगोत्री धाम में 5.08 लाख और यमुनोत्री धाम 4.47 लाख यात्री दर्शन कर चुके हैं। जबकि, कपाट बंद होने में अभी 17 दिन शेष हैं। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा कहते हैं कि यह भविष्य के लिहाज से एक अच्छा संकेत है। इस बार सड़क मार्गों के दुरुस्त रहने से भी गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा काफी सुखद रही।

 

छह माह की ग्रीष्मकालीन यात्रा के बाद अब इसी माह शीतकाल के लिए दोनों धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। अन्नकूट पर्व पर 28 अक्टूबर को दोपहर 11.40 बजे गंगोत्री धाम और भैयादूज पर्व पर 29 अक्टूबर को दोपहर 12.25 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकला है। इसके बाद शीतकाल के छह माह मां गंगा अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखीमठ (मुखवा) और मां यमुना खुशीमठ (खरसाली) में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगी।

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दीपक सेमवाल (सचिव, गंगोत्री मंदिर समिति) का कहना है कि गंगोत्री धाम पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या बीते वर्षों की अपेक्षा अच्छी रही है। जिस तरह इस बार यात्रा ने रफ्तार पकड़ी, उससे आने वाले समय में चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है।

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