Road Safety With Jagran : पुलिस का प्रयास जारी, आमजन का जागरूक होना जरूरी, चालान का लक्ष्य निर्धारित
Road Safety With Jagran पहाड़ों में सड़कों पर आए दिन हादसे होते हैं। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की ओर से जारी किए गए आंकड़े बेहद ही डराने वाले हैं। पहाड़ों में सड़कों की बदहाल स्थिति के साथ पुलिस कर्मियों की कमी से सड़क हादसों पर अंकुश नहीं लग रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Sumit KumarUpdated: Sun, 27 Nov 2022 07:33 PM (IST)
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : Road Safety With Jagran पहाड़ों में सड़कों पर आए दिन हादसे होते हैं। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की ओर से जारी किए गए आंकड़े बेहद ही डराने वाले हैं। पहाड़ों में सड़कों की बदहाल स्थिति के साथ पुलिस कर्मियों की कमी के कारण सड़क हादसों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसको लेकर पुलिस के अधिकारी भी काफी चिंतित हैं। उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत की तथा सड़क हादसों को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जाना।
Road Safety With Jagran: सड़क दुर्घटनाओं के लिए लापरवाही बड़ा कारण है। सभी सम्मानितजन यातायात के नियमों का सही ढंग से पालन करेंगे तो सड़क दुर्घटना ही नहीं होंगी।
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— Shailendra Prasad (शैलेंद्र गोदियाल) (@shailly_godiyal) November 29, 2022
- सवाल: जनपद उत्तरकाशी में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उत्तरकाशी पुलिस की ओर से क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
- जवाब-जनपद उत्तरकाशी में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। ये दुर्घटनाएं ओवरलोडिंग, ओवरस्पीड के कारण हो रही हैं। पुलिस ने चेकिंग अभियान बढ़ाया है। कुछ समय पहले वह मोरी क्षेत्र में गए थे, वहां ओवरलोडिंग की शिकायत मिली। इस पर उन्होंने एक टीएसआइ को मोरी नैटवाड़ क्षेत्र में नियमित जांच करने और कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ग्रामीण संपर्क मोटर मार्गों पर जांच करने व चालान का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
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- सवाल: जनपद उत्तरकाशी में नागरिक पुलिस व यातायात पुलिस संसाधन और मैनपावर की कमी से जूझ रही है, जिसके कारण संपर्क मार्गों पर नियमित जांच नहीं हो पाती है, इसके लिए क्या किया जा रहा है।
- जवाब: यह बिल्कुल सही है कि उत्तरकाशी में पुलिस और यातायात पुलिस में मैनपावर की कमी है। पहाड़ों में हर जगह यही स्थिति है। परंतु जो उपलब्ध संसाधन हैं तथा मैनपावर है, उसी के जरिये बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ संसाधनों की मांग शासन से की गई है, जो शीघ्र ही उपलब्ध हो जाएंगे। धौंतरी और सांकरी क्षेत्र में दो पुलिस चौकियां खुलने जा रही है। इससे संपर्क मार्गों पर जांच का दायरा बढ़ जाएगा।
- सवाल: खराब सड़कों के अलावा ओवरलोडिंग, ओवरस्पीड और शराब दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं। इस पर अंकुश लगाने की क्या योजना है।
- जवाब: सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आमजन का जागरूक होना जरूरी है। फिर भी पुलिस अपनी ओर से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। ओवरलोडिंग रोकने के लिए कुछ समय पहले उन्होंने मोरी में बैठक की थी। गांव के मुखिया और मंदिरों के पुजारियों से भी गांव के चालकों से ओवरलोडिंग न कराने की अपील कराई गई है। शराब पीकर वाहन चलाने पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। कई चालान किए गए हैं, लाइसेंस निलंबित करवाने की कार्रवाई भी की जाती है। शराब पिलाने वाले होटल और ढाबों में भी नियमित छापेमारी अभियान चलाया जा रहा।
- सवाल: जनपद में मुख्य सड़कों पर कहीं डेंजर जोन बाटल नेक और ब्लैक स्पाट है। इन पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। कई स्थानों पर पुलिस भी तैनात नहीं है। इसके लिए क्या योजना है।
- जवाब: जनपद उत्तरकाशी में 147 से अधिक डेंजर जोन हैं। इन डेंजर जोन में सड़क चौड़ी करने और सुरक्षा इंतजाम करने को लेकर प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी गई थी। यमुनोत्री हाईवे पर रिखऊखड्ड के पास, जहां जून माह में तीर्थयात्री बस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, उस डेंजर जोन पर सुरक्षात्मक कार्य करवाने को लेकर पहले ही रिपोर्ट दी थी। हर डेंजर जोन में पुलिस तैनात करना संभव नहीं है। इन डेंजर जोन वाले स्थानों पर सड़क चौड़ी करना और सुरक्षा के इंतजाम करने को लेकर समय-समय पर प्रशासन को अवगत कराया जाता है।
- सवाल: उत्तरकाशी जनपद में सबसे अधिक दुर्घटनाएं यात्रा सीजन के दौरान होती हैं। यह दुर्घटनाएं न्यून कैसे की जा सकती हैं।
- जवाब: उत्तरकाशी जनपद का क्षेत्र काफी बड़ा है। दो प्रमुख धाम हैं, यात्रा मार्गों की लंबाई भी काफी अधिक है। यात्रा सीजन में सुचारू यातायात के लिए पुलिस बल बढ़ाया जाता है। यात्रा सीजन में जो दुर्घटनाएं होती हैं, उनमें अक्सर यह देखा गया है कि एक अच्छी सड़क के बाद अचानक ब्लैक स्पाट आता है। यात्रा में चलने वाले अधिकांश चालकों को ऐसे स्थानों पर वाहन चलाने का सही अनुभव नहीं होता है, जिससे वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। ऐसे स्थानों में सुरक्षा इंतजाम करने और मार्ग चौड़ा करने का मुद्दा सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में रखा जाता है।
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